नई दिल्ली: 28 मई को पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। पीएम मोदी के नए ससंद भवन का उद्घाटन करने पर तमाम विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। जिसे अब उत्तर- प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदारी भरा बताया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के सुर अब बदल गए हैं। पहले विपक्षी दलों के विरोध को गलत बताने वाले सपा नेता ने अब इसे लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है।
विपक्ष लोकतंत्र का अपमान कर रहा है – सीएम योगी

संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर हो रहे विरोध पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष लोकतंत्र का अपमान कर रहा है। देश ऐसी बयानबाजी को स्वीकार नहीं करेगा। नई संसद के उद्घाटन का ऐतिहासिक अवसर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मिल रहा है। योगी ने आगे कहा कि विपक्ष को उद्घाटन में आना चाहिए। जिस प्रकार का विपक्ष बयान दे रहा है उसका बयान गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में पहली बार नहीं है कि प्रधानमंत्री किसी संसद का उद्घाटन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके पहले पूर्व प्रधान इंदिरा गांधी ने उद्घाटन किया है। विपक्ष गैरजिम्मेदाराना बयान देकर देश की जनता को गुमराह करने की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए यह ऐतिहासिक पल है। विपक्ष को इस उद्घाटन समारोह में आना चाहिए।
संसद का उद्घाटन तो राष्ट्रपति को ही करना चाहिए – राम गोपाल यादव

वहीं, राम गोपाल यादव ने कहा कि ‘विपक्ष सही कह रहा है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में ये लिखा है कि संसद का मतलब राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा होता है। राष्ट्रपति विधानमंडल का प्रधान होता है, वो प्रधानमंत्री से ऊपर होता है। राष्ट्रपति का पद जिसके बिना संसद की परिभाषा ही अधूरी है अगर उसके द्वारा संसद का उद्घाटन नहीं होगा या वो उद्घाटन में आमंत्रित भी नहीं होगें तो ये गलत है और ये गलत परंपरा की शुरुआत है। संसद का उद्घाटन तो राष्ट्रपति को ही करना चाहिए।” बता दें कि, इससे पहले राम गोपाल यादव ने विपक्ष के विरोध को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष को इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन पर एतराज नहीं होना चाहिए।
अगर केंद्र में सरकार बदलेगी तो नए संसद भवन से दूसरा काम किया जाएगा – ललन सिंह

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर छिड़ी जंग के बीच जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने गुरुवार को कहा कि संसद भवन के जरिए इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है। हम इतिहास बदलने के भागीदार नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि संसद भवन अगर बना ही था तो राष्ट्रपति से उद्घाटन कराना चाहिए था। प्रधानमंत्री कौन होते हैं ? उद्घाटन करने वाले। इसके बाद उन्होंने एक बड़ा बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में सरकार बदलेगी तो नए संसद भवन से दूसरा काम किया जाएगा।
19 विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के लिया है फैसला

आपको बता दें 19 विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल ने संयुक्त रूप से शामिल हैं।
विपक्ष का क्या है आरोप ?

विपक्ष के नेताओं को आरोप है कि इस सरकार के कार्यकाल में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है तथा समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखना ‘अशोभनीय कृत्य’ एवं लोकतंत्र पर सीधा हमला है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाइयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्घाटन से नहीं, बल्कि वहां पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहां सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्घाटन में क्या जाना।