नई दिल्ली: 28 मई को जंतर- मंतर से नए संसद भवन की ओर कूच पर निकले पहलवानों का धरना भारी हंगामे के बाद खत्म कर दिया गया। जिसके बाद रोष में आए पहलवानों ने अपने मेडल को हरिद्वार में जाकर गंगा में बहाने की बात कही, खैर पहलवानों ने ऐसा कुछ नहीं किया और अपने मेडल को नरेश टिकैट को सौंप दिए, साथ ही बृजभूषण की गिरफ्तारी को लेकर पांच दिन का समय दिया और कहा कि अगर पांच दिन के भीतर बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती है तो उसके बाद वह अपने मेडल नरेश टिकैट से लेकर गंगा में बहा देंगे। बता दें, अब इसको लेकर बृजभूशण शरण सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने पहलवानों के मेडल गंगा में बहाने को ड्रामा बताया है।
मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृजभूषण को फांसी नहीं मिलेगी – बृजभूषण शरण सिंह

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने यूपी के बाराबंकी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं खुद फांसी पर लटक जाऊंगा। आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं। चार महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो पहलवान अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं। मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृजभूषण को फांसी नहीं मिलेगी।’ भाजपा सांसद ने आगे कहा कि अगर तुम्हारे पास कोई सबूत है तो जाकर पुलिस या अदालत को दो और अदालत मुझें फांसी देगा तो मुझे स्वीकार है। ये इमोशनल ड्रामा है।
मंगलवार को गंगा में मेडल बहाने जा रहे थे पहलवान

बता दें कि मंगलवार को साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित करने पहुंचे थे लेकिन किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने पदक को गंगा नदी में नहीं बहाया। उल्लेखनीय है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है।
दिल्ली पुलिस को बृजभूषण के खिलाफ नहीं मिले कोई भी सबूत

इसके अलावा आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस को बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। जिसके आरोप पहलवानों ने लगाए हैं अगर ऐसा ही रहा तो बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट नहीं दायर होगी बल्कि फाइनल रिपोर्ट दायर की जाएगी।
यौन शोषण के आरोपों पर 15 दिन के अंदर तैयार हो जाएगी फाइनल रिपोर्ट

मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस इस मामले में 15 दिनों के अंदर अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दायर कर देगी। यह चार्जशीट के रूप में या फाइनल रिपोर्ट के रूप में भी हो सकता है। हालांकि, चार्जशीट फाइल करने की संभावना कम है क्योंकि अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
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