बिहार पॉलिटिक्स की बड़ी खबर आई है कि बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन टूट चूका है. सीएम नीतीश कुमार ने फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसी के साथ नीतीश कुमार की पार्टी JDU अब RJD, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के महागठबंधन में शामिल हो गई है.
Bihar Political Crisis: बिहार की राजनीती ने एक नई पलटी मारी है. आज हुई सभा में बड़ा फैसला सामने कि BJP और JDU का गठबंधन टूट चूका है. जेडीयू की आज हुई बैठक में पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों ने सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा की नितीश कुमार को भी तय करेंगे, हम उनके साथ हैं. नीतीश कुमार की पार्टी JDU भी अब RJD, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के महागठबंधन में शामिल हो गई है. नीतीश कुमार ने शाम 4 बजे राज्यपाल फागु चौहान से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था.

महागटबंधन का समर्थन
बता दें, नीतीश कुमार के बीजेपी और NDA का साथ छोड़ने का एलान करने के तुरंत बाद RJD नेता तेजस्वी यादव ने और साथ ही साथ कांग्रेस और लेफ्ट ने भी मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार का समर्थन करने का एलान किया और इसी के साथ खबर मिली है कि नीतीश कुमार को बिहार में महागठबंधन का नेता चुन लिया गया है. नीतीश कुमार की पार्टी JDU भी अब RJD, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के महागठबंधन में शामिल हो गई है.

‘नीतीश ने हमें धोखा दिया’: संजय जायसवाल
इसी के साथ इस पूरे मुद्दे पर बिहार BJP प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा कि, ‘नीतीश कुमार ने जनमत के साथ खिलवाड़ किया. नीतीश ने हमें और बिहार की जनता को धोखा दिया है. आपको यह भी बता दें कि नीतीश कुमार ने पिछले 8 सालों में दूसरी बार बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला किया है’.
पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर हुई मीटिंग
आज सुबह राज्य के प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी और महागठबंधन में शामिल पार्टियों के विधायक भी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पर जमा हुए थे. और इस बैठक में आरजेडी विधायकों के अलावा कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं और विधायक भी शामिल हुए थे. यह बैठक नीतीश कुमार के बीजेपी से गटबंधन तोड़ने पर उन्हें समर्थन देने के मुद्दे पर रखी गई थी. इसके साथ साथ बीजेपी नेताओं ने भी राज्य के उप-मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के घर पर एक सभा की. बिहार राजनीती की इस गरमा गर्मी के चलते बिहार पॉलिटिक्स ने एक नई करवट ली है, अब देखना यह होगा की यह मामला बिहार चुनाव में एक नया मोड़ लायेगा या फिर जनता इस फैसले को एक पलटवार समझेगी.