दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘वर्ल्ड सिटीज’ शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण सिंगापुर सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था क्योंकि वह स्वीकृति की 20 जुलाई की समय सीमा से चूक गए थे।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आरोपों पर यू-टर्न लिया कि केंद्र ने उनकी सिंगापुर यात्रा को रद्द कर दिया था, अब यह सामने आया है कि उनका निमंत्रण सिंगापुर सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आज कहा कि वह सिंगापुर में एक शिखर सम्मेलन में भाग लेना चाहते हैं और भारत में किए जा रहे कार्यों को दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं।
CM अरविंद केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा
‘अच्छा होता अगर मैं जाकर अपनी बात रख पाता और भारत में किए जा रहे कामों को दुनिया के साथ साझा करता..मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं दे रहा हूं।’
दिल्ली सरकार ने गुरुवार को केजरीवाल के सिंगापुर में ‘वर्ल्ड सिटीज’ समिट में शामिल नहीं होने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।केजरीवाल के निमंत्रण को सिंगापुर सरकार ने रद्द कर दिया क्योंकि वह स्वीकृति की 20 जुलाई की समय सीमा से चूक गए थे।
सूत्रों ने कहा, “अरविंद केजरीवाल को वर्ल्ड सिटीज समिट का निमंत्रण सिंगापुर ने वापस ले लिया था। एक ईमेल से पता चलनें पर उन्होंने बताया कि आप नेता ने समय सीमा समाप्त होने के एक दिन बाद 21 जुलाई को सिंगापुर यात्रा की मंजूरी के लिए विदेश मंत्रालय को ‘Permission Letter’ लिखा था, “यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि यह एक स्टंट था”।

भाजपा सूत्रों नें बताया पब्लिक स्टंट
रिपोर्टेस् के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा की अनुमति के लिए केजरीवाल की पूरी अपील एक राजनीतिक स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं था ।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को यह भी कहा कि मंत्रालय को 21 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर जाने की अनुमति की मंजूरी के लिए अनुरोध मिला था।

इससे पहले, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के लिए आप सरकार के निवेदन को खारिज कर दिया था और कहा था कि मेयर के सम्मेलन में उनकी उपस्थिति एक “खराब तस्वीर ” स्थापित करेगी।

उपराज्यपाल ने कथित तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिंगापुर में शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की सलाह दी क्योंकि यह मेयर का सम्मेलन है और “इसमें शामिल होने के लिए एक मुख्यमंत्री के लिए उपयुक्त नहीं होगा”। केजरीवाल ने तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शिखर सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति मांगी थी।
एक मिड़िया रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 7 जून को एलजी को कार्यक्रम में शामिल होने की मंजूरी के लिए एक फाइल भेजी थी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 21 जुलाई को कहा कि एलजी ने केजरीवाल के दौरे के प्रस्ताव को वापस कर दिया था और सरकार ने तब विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी लेने का फैसला किया था।
Edited By – deshhit News