उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से आज अंकिता भंडारी की मां और पिता से मुलाकात करने उनके गाँव पौड़ी के श्रीकोट पहुंचे, जहाँ पीड़ित परिवार ने अपनी बेटी के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की।
उत्तराखंड: उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के बाद हर कोई अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलवाने के लिए मांग प्रदर्शन कर रहा है, उत्तराखंड के कई इलाकों में लोग प्रदर्शन कर अंकिता भंडारी को इंसाफ और अंकिता के हत्यारों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देने की मांग कर रहे है, इस बीच आज यानि सोमवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत अंकिता भंडारी के माता-पिता से मिलने के लिए पौड़ी के श्रीकोट गांव में पहुंचे जहाँ अंकिता के माता-पिता ने अपनी बेटी के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की।
अंकिता के परिवार से मिले हरीश रावत

ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें अंकिता के हत्यारों का मुदकमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में लिए जाने, आरोपित पुलिकत आर्य के पिता विनोद आर्य को जांच होने तक कस्टडी में रखने, ग्राम मल्ली से बरसूड़ी वाली रोड का विस्तारीकरण पीड़ित परिवार के घर तक करने और मार्ग को अंकिता भंडारी के नाम पर करवाने, सार्वजनिक स्थानों पर अंकिता भंडारी के नाम स्मारक बनाने आदि की मांग भी रखी गई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पीड़ित परिवार व ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता भी की। तथा वस्तु स्थिति से अवगत कराया।
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अंकिता की मां ने कांग्रेस नेता से लगाई इंसाफ की गुहार

अंकिता की मां ने कांग्रेस नेता से कहा कि न्याय इस इस लड़ाई में उन्हें इंसाफ मिले. उन्होंने मांग की कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए. वहीं मृतका के परिजनों ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य पर सबूत मिटाने की कोशिश करने की आशंका जताई. उन्होंने कहा कि वो अंकिता हत्याकांड के सबूत मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. अंकिता के पिता ने कहा कि उन्हें शक है कि विनोद आर्य के कहने पर ही वनंतरा रिजॉर्ट में बुल्डोजर चलवाया गया. जिससे सबूत मिटाये जा सके.
हरीश रावत ने उठाए जांच पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजस्व विभाग की जांच पर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले पटवारी को जानकारी होने पर वह अवकाश पर चले गया और दूसरे पटवारी को कार्य सौंपा गया। उन्होंने कहा कि ये सभी तथ्य जांच के हैं। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए इसे देवभूमि को कलंकित करने वाला बताया। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला डाक्टर को शामिल न किए जाने को भी दुर्भाग्य पूर्ण बताया।
Edited By: Deshhit News Team