नई दिल्ली: शुक्रवार को एक कॉन्क्लेव में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार गौतम अडानी मामले पर अपनी बात रखी। अमित शाह ने अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर पहली बार अपनी बात रखते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं के सभी आरोप बेबुनियाद है और अगर उन्हें जांच एजेंसियों के काम पर संदेह है तो वे अदालतों में चुनौती दे सकते हैं। उनकी पार्टी में हमसे बेहतर वकील हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री ने राहुल गांधी के संसद में नहीं बोलने देने वाले बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।
विपक्षी नेताओं को जांच एजेंसियों के काम पर संदेह है तो वे अदालतों में चुनौती दे सकते हैं – अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर बोलते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मामले का संज्ञान लिया है और एक जांच समिति का गठन किया गया है। शाह ने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां निष्पक्ष रूप से काम कर रही हैं और दो को छोड़कर सभी मामले यूपीए सरकार के दौरान दर्ज किए गए थे। शाह ने आगे कहा कि विपक्षी नेताओं के सभी आरोप बेबुनियाद है और अगर उन्हें जांच एजेंसियों के काम पर संदेह है तो वे अदालतों में चुनौती दे सकते हैं। इसके अलावा शाह ने कहा कि सभी को न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को बेबुनियाद आरोप नहीं लगाने चाहिए क्योंकि वे लंबे समय तक नहीं चल सकते। बता दें, अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह के खिलाफ धोखाधड़ी लेनदेन और शेयर मूल्य में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई थी। हालांकि, समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया था। मामले में अदाणी समूह ने कहा कि वह सभी कानूनों और नियामकीय जरूरतों का पालन करता है।
जैसे रोड पर हम लोग बोलते हैं, वैसे पार्लियामेंट में नहीं बोल सकते हैं – अमित शाह

वहीं, केंद्रीय मंत्री ने विदेशों में भारत की नकारात्मक छवि बनाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। फ्रीडम ऑफ स्पीच को राजनीतिक हथियार बनाने वाले राहुल गांधी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी ये आरोप भी लगाते हैं कि संसद में उनकी आवाज दबाई जा रही है क्योंकि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। शाह ने कहा है कि संसद में नियमों के हिसाब से बोलना पड़ता है। जैसे रोड पर हम लोग बोलते हैं, वैसे पार्लियामेंट में नहीं बोल सकते हैं। ये नियम हमने नहीं बनाये हैं। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में राहुल गांधी को नेहरू और इंदिरा की याद दिलाते हुए कहा कि संसद चलाने के लिए नियम कई दशक पहले बनाए हुए हैं और उन्हें हमने या बीजेपी नेताओं ने नहीं बनाया है। राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी दादी के पिता जी के समय से ये नियम बने हुए हैं। वो भी इसी नियमों के तहत चर्चा करते थे। हम भी इन्हीं नियमों के आधार पर चलते हैं।
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