नई दिल्ली: देश में बजरंग दल का मुद्दा गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करते हुए कहा है कि प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन किया जाएगा। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का वादा भगवान हनुमान का अपमान है। पीएम मोदी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद किया और अब वह ‘जय बजरंग बली’ का नारा लगाने वालों को ताले में बंद करना चाहती है। मोदी ने आगे कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्री राम से भी तकलीफ होती है और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है। इसी के साथ आपको बता दें कि कि कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगा सकता है। जिसका इशारा खुद मुख्यमंत्री भूपेल बघेल ने दिया है।
जरूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाने का सोचेंगे – भूपेल बघेल
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बता दें, सीएम बघेल से छत्तीसगढ़ में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के विचार पर एक सवाल पूछा गया। इस पर बघेल ने कहा- बजरंग दल वाले छत्तीसगढ़ में कम गुंडागर्दी नहीं कर रहे हैं, यहां बजरंगियों ने जो गड़बड़ की है, उसको हम लोगों ने ठीक कर दिया है। जरूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाने का सोचेंगे। अभी कर्नाटक की समस्या के हिसाब से वहां बैन करने की बात कही गई है।’
1 अक्टूबर 1984 में उत्तर प्रदेश में हुई थी बजरंग दल की शुरुआत
![जानें- उस बजरंग दल की कहानी जिसे बैन करने का वादा कर रही है कांग्रेस - bajrang dal controversy by congress manifesto ban Karnataka assembly election 2023 bjp protest ntc - AajTak](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202305/bajrang_dal_news-sixteen_nine.jpg?size=948:533)
1 अक्टूबर 1984 को उत्तर प्रदेश में शोभा यात्रा के रूप में इस दल की शुरुआत हुई थी। विश्व हिंदू परिषद की पहली धर्म संसद में मंदिर आंदोलन की शुरुआत के साथ ही राम जानकी रथयात्रा के नाम से नियमित रूप से इस शोभा यात्रा को निकालने की शुरुआत हुई। इसका मकसद था कि लोगों को हिंदुत्व के बारे में अधिक से अधिक बताया जाए। कुछ समय में ही इससे युवा और साधु-संत जुड़ते गए। 1 अक्टूबर 1984 को इस दल की स्थापना हुई और नाम रखा गया बजरंग दल।
भारत से लव जिहाद, गौ हत्या और दूसरी धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त करना है बजरंग दल का उद्देश्य
![बजरंग दल](https://ddmtn57ju2md7.cloudfront.net/media/bbifiles/1182754/42119c92-864b-4907-9fdb-959636c46e90.jpg)
बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद का यूथ विंग है। बीजेपी नेता विनय कटियार इसके संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। बजरंग दल का उद्देश्य है कि भारत से लव जिहाद, गौ हत्या और दूसरी धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को पूरी तरह से भारत से समाप्त करना। बजरंग दल अपने काम का विस्तार देने के लिए देश के मंदिरों में साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम का आयोजन भी करती है। युवाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बजरंग दल अखाड़े और खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन करता है।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर मुखर हुआ था – बजरंग दल
![मंदिर निर्माण को सक्रिय विहिप ने शुरू की बजरंग दल में भर्तियां, 25 हजार भर्ती करने का लक्ष्य - Ram Mandir Vhp Started Recruiting In Bajrang Dal - Amar Ujala Hindi News Live](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2018/09/28/750x506/vhp_1538135575.jpeg?w=414)
बजरंग दल अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर मुखर हुआ था। इसी कारण बजरंग दल की छवि हिंदू समर्थक के रूप में हुई। इस दल के कुछ लोगों की उग्र छवि इसे और मजबूत बनाती है। पिछले साल बजरंग दल ने देशभर के युवाओं को बजरंग दल से जोड़ने की मुहिम शुरू की। संगठन की ओर से 50 लाख युवाओं को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया।
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