नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पत्र लिखकर उन पर निशाना साधा है। अपने पत्र में सिसोदिया ने पीएम मोदी की एजुकेशन पर सवाल उठाए हैं। सिसोदिया ने अपने लिखे हुए पत्र में पीएम मोदी के कम – पढ़े लिखे होने पर सवाल उठाए हैं। साथ ही सिसोदिया ने पीएम मोदी के बयानों लेकर भी उन पर निशाना साधा है। साथ ही सिसोदिया ने पत्र में लिखा है है कि जिस तरह छोटी सी कंपनी के लिए एक मैनेजर रखने के लिए भी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को ही ढूंढ़ते हैं। क्या देश के सबसे बड़े मैनेजर को पढ़ा लिखा नहीं होना चाहिए?
यह है तिहाड़ जेल से लिखी गई मनीष सिसोदिया की चिट्ठी


सिसोदिया ही नहीं अरविंद केजरीवाल भी उठा चुके हैं पीएम की शिक्षा पर सवाल

बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने भोपाल में प्रधानमंत्री मोदी की शिक्षा पर तंज कसते हुए कहा था कि जिस दिन प्रधानमंत्री ने मनीष सिसोदिया को जेल भेजा था। उस दिन मुझे लगा कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री पढ़े लिखे होते तो उन्हें निश्चित रूप से शिक्षा का महत्व पता होता। प्रधानमंत्री के कम पढ़ा-लिखा होने पर कोई भी आकर उन्हें बेवकूफ बनाने में कामयाब हो जाएगा। कोई आकर बोलेगा- नोटबंदी कर दो। इससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री के कम पढ़ा-लिखा होने के कारण उन्होंने नोटबंदी कर दी, मगर न तो भ्रष्टाचार खत्म हुआ और न आतंकवाद। केजरीवाल यहीं पर नहीं रुके। प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कम पढ़ा-लिखा होने पर कोई आकर सलाह देगा कि प्रधानमंत्री जी, सबसे थाली बजवाओ। इससे जो तरंगे निकलेंगी, उससे कोरोना भाग जाएगा। प्रधानमंत्री ने पूरे देश से चम्मच और थाली बजवा दी। इसीलिए मेरा मानना है कि देश के प्रधानमंत्री को पढ़ा-लिखा होना चाहिए।
कोर्ट का समय बर्बाद करने पर केजरीवाल पर लगाया गया था 25,000 का जुर्माना

बता दें, 31 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट ने केजरीवाल पर ये कहते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया कि उन्होंने अपनी पब्लिसिटी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगकर कोर्ट का समय कोर्ट बर्बाद किया था। साथ ही कोर्ट ने PMO को भी यह कहा कि उन्हें पीएम की सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है।
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