इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत इन दोषियों को माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले के दोषियों को माफी देने के खिलाफ महिला संगठन द्वारा नए सिरे से दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह 2002 के बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा।

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी.टी. रविकुमार की पीठ ने नवीनतम याचिका को मुख्य मामले) से सलंग्न करते हुए कहा कि वह इस पर मुख्य याचिका के साथ सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें बिलकीस बानो मामले के दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को चुनौती दी गई है।
बिलकिस बानो गैंगरेप केस: पूरा मामला

आपको बता दें कि बिलकीस बानो के साथ जब सामूहिक दुष्कर्म हुआ था तब उनकी उम्र 21 साल थी और वह पांच महीने की गर्भवती थीं। बानो के साथ इस नृशंस घटना को अंजाम गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन को जलाने की घटना के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान दिया गया। दंगे के दौरान उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी जिनमें तीन साल की उनकी बेटी भी शामिल थी। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था जिन्हें गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत 15 अगस्त को गोधरा उप कारागार से रिहा कर दिया गया था।
2008 में 11 दोषियों को सुनाई गई थी उम्रकैद की सजा

मामले में 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 11 आरोपियों को दोषी पाया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा। रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोषियों ने 15 साल से ज्यादा सजा काट ली थी, जिसके बाद एक आरोपी ने सजा को माफ करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि उनकी माफी के बारे में फैसला करने वाली ‘उपयुक्त सरकार’ महाराष्ट्र है, न कि गुजरात।
बिलकिस बानो गैंगरेप के आरोपियों को क्यों रिहा किया गया?
मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत इन दोषियों को माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था।
बिलकिस बानो गैंगरेप के आरोपियों के नाम
बिलकिस बानो गैंगरेप के आरोपियों के नाम राधेश्याम शाह, जसवंत चतुरभाई नाई, केशुभाई वदानिया, बकाभाई वदानिया, राजीभाई सोनी, रमेशभाई चौहान, शैलेशभाई भट्ट, बिपिन चंद्र जोशी, गोविंदभाई नाई, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया।
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