नई दिल्ली: मोर शिष्टता और सुंदरता का प्रतीक है और 26 जनवरी को मोर को राष्ट्रीय पक्षी की उपाधि मिली थी। 1963 को भारत सरकार ने मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया था लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मोर को ही राष्ट्रीय पक्षी क्यों घोषित किया गया ?
इस कारण से बनाया गया मोर को राष्ट्रीय पक्षी

माधवी कृष्णन ने 1961 में लिखे अपने एक आर्टिकल में कहा था कि भारतीय वन्य प्राणी बोर्ड की ऊटाकामुंड में जब राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने की बैठक हुई थी। तब इस बैठक में सारस क्रैन, ब्राह्मिणी काइट, बस्टार्ड, और हंस के नामों पर भी चर्चा हुई थी लेकिन इन सब में मोर का नाम चुना गया। दरअसल, इसके लिए जो गाइडलाइन्स बनाई गई थीं उनके अनुसार राष्ट्रीय पक्षी घोषित किए जाने के लिए उस पक्षी का देश के सभी हिस्सों में मौजूद होना जरूरी था।
राष्ट्रीय पक्षी बनने के लिए भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा होना था आवश्यक
इसके अलावा आम आदमी इसे पहचान सके। साथ ही इसे किसी भी सरकारी पब्लिकेशन में चित्रित किया जा सके। इसके अलावा यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा होना चाहिए। इसके बाद मोर को 26 जनवरी 1963 को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया गया।
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