नई दिल्ली: हर साल पूरी दुनिया में 8 मई को “वर्ल्ड रेड क्रॉस डे” मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को याद करने के लिए मनाया जाता है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का मुख्य उद्देश्य असहाय और घायल सैनिकों और नागरिकों की रक्षा करना है। ये दिवस 8 मई को हेनरी डुनेंट की जयंती पर मनाया जाता है, जो रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक थे। इस दिन लोग इस मानवतावादी संगंठन और उसकी ओर से मानवता की सहायता के लिए अभूतपूर्व योगदान के लिए श्रद्धांजलि देने के लिए याद करते हैं।
स्विटजरलैंड के जिनेवा में स्थित है द रेड क्रॉस का हेडक्वाटर
रेड क्रॉस एक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन है। इसका हेडक्वाटर स्विटजरलैंड के जिनेवा में स्थित है। इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रास और कई नेशनल सोसाइटी मिलकर इस संस्था का संचालन करती है। पिछले कुछ दो सालों से जारी कोविड-19 महामारी में रेड क्रॉस आंदोलन की अहमियत और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है। वैसे तो वर्ल्ड रेड क्रॉस सोसाइटी का काम हमेशा जारी रहता है। किसी भी बीमारी या युद्ध संकट में इनके वॉलेंटियर्स लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं लेकिन कोरोना महामारी के काल में इनका काम और बढ़ गया। कोविड को हराने के लिए रेड क्रॉस युद्धस्तर पर काम कर रही है। इस संस्था से जुड़े लोग कोरोना से बचाव हेतु दुनियाभर में जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं। साथ ही लोगों को मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर बांट रहे हैं।
द रेड क्रॉस का इतिहास
दरअसल, रेड क्रॉस सोसाइटी की अहमियत उसके इतिहास में छिपी है। स्विटजरलैंड के कारोबारी जीन हेनरी ड्यूनेंट 1859 में इटली में सॉल्फेरिनो का युद्ध देखा। जिसमें में बड़ी तादात में सैनिक मरे और घायल हुए थे। किसी भी सेना के पास घायल सैनिकों की देखभाल के लिए क्लिनिकल सेटिंग नहीं थी। ड्यूनेंट ने वॉलेंटियर्स का एक ग्रुप बनाया। जिसने युद्ध में घायल जवानों तक खाना और पानी पहुंचाया। इतना ही नहीं इस ग्रुप ने उनका इलाज कर उनके परिजनों को चिट्ठियां भी लिखीं।
“ए मेमोरी ऑफ सॉल्फेरिनो” पुस्तक
इस घटना के 3 साल बाद हेनरी ने अपने अनुभव को एक किताब ‘ए मेमोरी ऑफ सॉल्फेरिनो’ की शक्ल देकर प्रकाशित कराया। पुस्तक में उन्होंने एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना का सुझाव दिया। ऐसी सोसायटी जो युद्ध में घायल लोगों का इलाज कर सके। जो किसी भी देश की नागरिकता के आधार पर नहीं बल्कि मानवीय आधार पर लोगों के लिए काम करे। उनके इस सुझाव पर अगले ही साल अमल किया गया।
1876 में कमेटी ने इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रास (ICRC) नाम अपनाया
जिनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी ने फरवरी 1863 में एक कमेटी का गठन किया। जिसकी अनुशंसा पर अक्टूबर 1863 में एक विश्व सम्मेलन किया गया। इसमें 16 राष्ट्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिसमें कई प्रस्तावों और सिद्धांतों को अपनाया गया। इसके बाद 1876 में कमेटी ने इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रास (ICRC) नाम अपनाया।
विश्व रेड क्रॉस दिवस 2023 की थीम
हर साल विश्व रेड क्रॉस दिवस अलग-अलग संदेशों के साथ अलग-अलग थीम्स पर मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट डे की थीम “एवरीथिंग वी डू कॉम्स #फ्रॉम द हार्ट” है। रेड क्रॉस सोसाइटी “द पर्सन नेक्स्ट डोर” का जश्न मनाना चाहती है, जो अक्सर सबसे पहले कदम उठाते हैं और अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। यह कोई भी हो सकता है, पड़ोसी, जिम, दुकान या बाजार में कोई भी व्यक्ति जहां हम जाते हैं। वहीं, साल 2022 में विश्व रेड क्रॉस दिवस की थीम है – ‘Be Human Kind’. बता दें कि साल 2021 में इसकी थीम थी- ‘Together We are Unstoppable.
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