नई दिल्ली: आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने महाराष्ट्र के दौरे पर आये हुए हैं इस दौरान उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता उद्धव ठाकरे नेताओं से मुलाकात की है। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल और उद्धव ठाकरे ने एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ठाकरे, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और और भगवंत मान एक साथ नजर आए और बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा…

हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। मुझे लगता है कि हमें ‘विपक्षी’ दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें (केंद्र को) ‘विपक्षी’ कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं।
केजरीवाल ने कहा…

इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, 8 साल के बाद दिल्ली को अधिकार मिला था। जनतंत्र में चुनी हुई सरकार के पास पावर चाहिए। बीजेपी के लोग जज के खिलाफ मुहिम चलाते हैं। शिवसेना की सरकार को ईडी, और सीबीआई के जरिये गिराया गया। दिल्ली में भी हमारे विधायक को खरीदने के लिए आपरेशन लोटस चला।
भगवंत मान ने कहा …

इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘सेलेक्टेड’ गवर्नर चुनी हुई सरकारों की ताकतें छीन रहे हैं। अगर ये 2024 में आ गए तो संविधान खत्म कर देंगे।
अध्यादेश के विरोध में समर्थन जुटाने के लिए लगातार विपक्षी पार्टियों से मिल रहे हैं केजरीवाल

बता दें कि बीते दिनों देश की सर्वोच्च न्यायलय ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर- पोस्टिंग मामले में दिल्ली आम आदमी पार्टी शासित सरकार के हक में फैसला दिया था। 19 मई को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की सरकार ने एक अध्यादेश के जरिये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पलट दिया। केंद्र के इस फैसले से नाराज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोर्चा खोल दिया है। अध्यादेश के विरोध में समर्थन जुटाने के लिए वे लगातार विपक्षी पार्टियों से मिल रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार (24 मई) को सीएम केजरीवाल पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने उनके घर मातोश्री पहुंचे।
19 मई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए, पारित किया था एक अध्यादेश

दरअसल बीते 19 मई को केंद्र सरकार ने एक सुप्रीप कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए, एक अध्यादेश पारित किया है। अध्यादेश के तहत दिल्ली में सेवा दे रहे ‘दानिक्स’ कैडर के ग्रुप A के अधिकारियों के ट्रांसफर और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित किया गया है। इस प्राधिकरण में तीन सदस्य होंगे। प्राधिकरण का अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाया गया है। इस प्राधिकरण को दानिक्स और ग्रुप A के अधिकारियों के ट्रांसफर और नियुक्ति के सभी फैसले लेना का अधिकार तो होगा लेकिन आखिरी फैसला उपराज्यपाल का ही मान्य होगा।