नई दिल्ली: शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित ‘शिवलिंग’ के वैज्ञानिक सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। कार्बन डेटिंग कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी। हाई कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित ‘शिवलिंग’ का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कराने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के अनुसार, इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि शिवलिंग कितना पुराना है ? सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।

बता दें, पिछले साल वाराणसी की निचली अदालत के आदेश पर हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में वहां शिवलिंग जैसी रचना मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसे काशी विश्वनाथ मंदिर का मूल शिवलिंग बताया था। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा कहा था। इसी बीच मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सर्वे को चुनौती दी थी।

तब सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कहा था कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए और डीएम इस जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही कहा कि मस्जिद में नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग जाएंगे और उन्हें कोई नहीं रोकेगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। वाराणसी कोर्ट ने सितंबर 2022 में ज्ञानवापी परिसर में हिंदू महिलाओं की पूजा की अर्जी को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की अर्जी खारिज कर दी थी।