जिस  गवाह पर “हमले” करने का मामला आया है उसका इस केस से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन होली पर कुछ लोगों द्वारा उस पर रंग फेंकने पर आपत्ति जताने के बाद उसके साथ मारपीट की गई थी.

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. दाखिल किए गए जवाब में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया है कि आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है. ये आरोप पूरी तरह से गलत है कि कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध नहीं किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था और साथ ही जिस  गवाह पर “हमले” करने का मामला आया है उसमें इस केस से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन होली पर कुछ लोगों द्वारा उस पर रंग फेंकने पर आपत्ति जताने के बाद उसके साथ मारपीट की गई थी.

लखीमपुर खीरी वाले मामले आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई, यूपी सरकार ने हलफनामा जमा किया

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हमले के मामले में गवाह ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा…

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया पर गवाह दिलजोत सिंह द्वारा एक एफआईआर दर्ज करने के बाद आई और कहा कि हमलावरों ने उन्हें यह कहते हुए धमकी दी है कि “प्रतिवादी संख्या मैं (आशीष मिश्रा) जमानत पर बाहर हैं और सत्तारूढ़ दल ने भी चुनाव जीता है. और वे उसे देख लेंगे. हालांकि राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में में दायर हलफनामे में कहा कि हमको तो पहले ही कोर्ट ने आदेश दे दिया था कि गवाहों की सुरक्षा सबसे पहले दें.  जब इस घटना की पड़ताल कि तो हमने पाया की ये हमला होली पर रंग फेंकने को लेकर आपसी झगडा हुआ था न ये इस घटना को लेकर हमला हुआ है.

लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी पर लगे गवाह को डराने के आरोप

यूपी द्वारा जो सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है उसमें लिखा था की जब गवाह रात करीब 8.15 बजे गन्ने से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर डांगा के पास प्राइमरी स्कूल की ओर आया. उस वक्त उनके साथ उनका पुलिस गनर मनोज सिंह मौजूद था. उस समय स्कूल के पास कुछ लोग होली गुलाल से खेल रहे थे और उन्होंने दिलजोत सिंह पर भी गुलाल उड़ा दिया. जब दिलजोत सिंह ने इसका विरोध किया, तो उनके और अन्य लोगों के बीच कहासुनी हो गई, जिसमें एक बदमाश ने उन्हें बेल्ट से मारा और अन्य किसी व्यक्ति ने उसे लात से मारा और साथ ही उन्हें घूंसा भी मारा.

अदालत ने पिछली सुनवाई में क्या कहा था

मुख्य न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से कहा था, यह क्या है? एक जगह विशेष उल्लेख किया कि गवाह पर हमला किया जा रहा है और आप लोग चुप हैं. यूपी सरकार से कहा गया था कि वह पहले एक विस्तृत जवाबी हलफनामा दर्ज करें. मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मामले में गवाहों की सुरक्षा हो.

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