शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 मार्च को शाम 6 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे.
नई दिल्ली: नवांशहर जिले के स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव में शपथ लेने के कुछ दिनों बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार, 23 मार्च, को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया, जिसे ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सन 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र के आरोप में अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दी थी.
शहीद दिवस, भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु की पुण्यतिथि पर, हर साल 23 मार्च को मनायी जाती है। इन्ही महान वीरों की पुण्यतिथि पर ‘पंजाब राज्य विधानसभा’ ने भी विधानसभा में शहीद भगत सिंह और बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्तियां स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया है। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शहीद दिवस के अवसर पर 23 मार्च को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. इससे पहले, मान ने कहा था कि कोई भी सरकारी कार्यालय मुख्यमंत्री की तस्वीरें प्रदर्शित नहीं करेगी और इसके बजाय, सरकारी दफ्तरों की दीवारों पर भगत सिंह और बीआर अंबेडकर की तस्वीरें लगाई जाएंगी। जिसके बाद, शेर-ए-पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की तस्वीर हटाकर शहीद भगत सिंह और बाबा साहब की तस्वीर लगा दी गयी जिसपर काफी विवाद भी हुआ.
मालूम हो, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस और शिअद-बसपा गठबंधन को हराकर 10 मार्च को पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 92 पर जीत हासिल की थी. जिसके बाद भगवंत मान ने 16 मार्च को पंजाब के CM के रूप में शपथ ली.
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वहीं, मंगलवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सैनिक स्कूल का नाम स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आवासीय विद्यालय होगा और छात्रों से किसी प्रकार का कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि स्कूल को पहले ही 18,000 आवेदन मिल चुके हैं और इस साल कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। जबकि, छात्रों को सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, नौसेना अधिकारी और वायु सेना द्वारा पढ़ाया जाएगा।
इसके अलावा, शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 23 मार्च को शाम 6 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे. गैलरी स्वतंत्रता संग्राम, क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश कोलोनियल रूल के लिए उनके सशस्त्र प्रतिरोध को प्रदर्शित करती है।
बता दें, 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था। तीनों ने बहुत कम उम्र में आगे आकर भारत की आजादी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। बताया जाता है कि असल में इन शहीदों को फांसी की सजा 24 मार्च को होनी थी, लेकिन अंग्रेज सरकार को डर था कि कहीं कोई फसाद न हो जाए क्यूंकि तब तक इन तीनों युवाओं के बारे में देश का चप्पा-चप्पा जानने लगा था और उनकी सजा को लेकर लोगों में आक्रोश भी दिखने लगा था. यही कारण है कि तीनों को एक दिन पहले बगैर किसी को खबर किए रातोंरात फांसी पर चढ़ा दिया गया. भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए उनके बलिदान को सम्मान देने और याद रखने के लिए, 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।