पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में, देश-विदेश पर बोलते हुए कहा कि एक समय में भारत से एक्सपोर्ट का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 सौ बिलियन तक हुआ करता था, आज भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 87 वें मन की बात कार्यक्रम में देश के हर क्षेत्र और विदेश में हमारे देश ने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं, जैसे विषयों पर बात की. उन्होंने देश-विदेश पर बोलते हुए कहा कि एक समय में भारत से एक्सपोर्ट का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 सौ बिलियन तक हुआ करता था, आज, भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. इसका मतलब है कि दुनियाभर में भारत में बनी चीजों की मांग बढ़ रही है दूसरा मतलब ये कि भारत की सप्लाई चैन दिनों-दिन और मजबूत हो रही है और इसका एक बहुत बड़ा सन्देश भी देती है.
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प्रधानमंत्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि देश, विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं. जब संकल्पों के लिये दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है, तो वो संकल्प, सिद्ध भी होते हैं, और आप देखिये, किसी व्यक्ति के जीवन में भी तो ऐसा ही होता है. जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिए संकल्प लेता है और उसके लिए मेहनत करता है तो वह एक दिन अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है और इस लक्ष्य से सिर्फ उस व्यक्ति का भला नहीं होता है बल्कि उस देश को भी उससे हिम्मत मिलती है.
पीएम ने बाबा शिवानंद का किया जिक्र
अभी हाली ही में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म सम्मान दिए थे. इस पद्म सम्मान लेने वालो में से एक व्यक्ति जब चर्चा में आये जब लोगों को पता चला की इनकी उम्र 126 वर्ष की है और इनकी शारीरिक शक्ति कितनी मजबूत है. इसी बात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, हाल ही में हुए पदम् सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा. वह 126 साल के बुजुर्ग जिनकी फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा, पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे. उनके जोश और फिटनेस को देखकर हर कोई हैरान था. उनका स्वास्थ्य देश में चर्चा का विषय है. उन्हें योग का शौक है. उन्होंने कहा कि हमने देखा कि कतर के एक योग कार्यक्रम में 114 देशों ने भाग लेकर इतिहाक बना दिया था.
पानी के संरक्षण पर की जरुरी बात
संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि देश में बहुत से लोगों ने पानी संरक्षण पर काफी काम कर रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के रोहन का जिक्र करते हुए कहा कि वह महाराष्ट्र के सैकड़ों सीढ़ी वाले कुएं को साफ करने का अभियान चला रहे हैं. जिन्होंने पानी के संरक्षण का काम किया है. वह मानवता के लिए दूत हैं आगे पीएम मोदी ने कहा मैं उस राज्य से आता हूँ, जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रहती है. गुजरात में बावड़ी को वाव कहते हैं. गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है. इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.