MS Dhoni Birthday : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी किसी पहचान के मोहताज नहीं है. आज उनका जन्मदिन है और वे 42 साल के हो गए हैं. धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था. क्रिकेट जगत में उन्होंने ऐसी छाप छोड़ी कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी भी सबसे ज्यादा लाइमलाइट में रहते हैं. कमाई के मामले में एम एस धोनी की गिनती दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटरों में होती है I
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म रांची झारखंड में हुआ था। धोनी के पिता का नाम पान सिंह और मां का नाम देवकी है। धोनी के पिता ने उत्तराखंड से रांची आकर प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरू किया। माही की एक बड़ी बहन भी हैं जिनका नाम जयंती है और एक बड़ा भाई है जिनका नाम नरेंद्र है।
उनकी सफलताओं को देखते हुए उन्हें पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। माही के नाम से लोकप्रिय धोनी आईसीसी की तीनों विश्व प्रतियोगिताएं जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं।
ऐसा रहा अंतर्राष्ट्रीय करियर
धोनी ने 2004 से लेकर 2019 तक अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले. टेस्ट की 144 पारियों में उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए. इसके अलावा वनडे में उन्होंने 50.57 की औसत से 10773 रन जोड़े. वहीं टी20 इंटरनेशनल में धोनी ने 37.60 की औसत और 126.13 के स्ट्राइक रेट से 1617 रन बनाए. धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय करियर में कुल 16 शतक और 108 अर्धशतक जड़े.
अंडर-19 में नहीं हुआ चयन, फिर टीटी की करी नौकरी
महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट में अपना सुनहरा करियर बनाने की ओर आगे बढ़ ही रहे थे अचानक अंडर-19 ट्रायल में उनकी टीम को बुरी तरह से हार मिली। जिसके चलते धोनी का भी चयन नहीं हुआ। इसके बाद वे काफी हताश हो गए। इसी बीच उन्हें रेलवे में टीटी की नौकरी मिली। जिसे उन्होंने पिता की खुशी के लिए स्वीकार किया। धोनी ने 2001 से 2003 तक दक्षिण रेलवे के खड़कपुर स्टेशन पर टीटीई की नौकरी की।
अचानक छोड़ी नौकरी फिर इंडिया ए से किया डेब्यू
टीटीई की नौकरी के दौरान भी धोनी रेलवे के लिए क्रिकेट खेलते थे लेकिन उन्हें कुछ बड़ा करना था। ऐसे में उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए अचानक टीटीई की नौकरी छोड़ दी और बाद में इंडिया ए के ट्रायल में भाग लिया। इसमें धोनी ने खूब छक्के जड़े और अपनी जगह पक्की कर ली।
जहां से हुई शुरुआत वहीं से हुआ अंत
एमएस धोनी ने 2004 में कैन्या के (नैरोबी) में इंडिया-ए टीम से खेलते हुए 50 ओवर के टूर्नामेंट में 2 शतक लगाए थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मुख्य टीम में जगह मिली। बल्लेबाजी के लिहाज से धोनी के करियर की शुरूआत कुछ खास नहीं रही थी। अपने शुरूआती चार वनडे मैचों में माही बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा सके थे। इनमें से 3 बांग्लादेश और 1 मैच पाकिस्तान के खिलाफ हुआ था। 2004 में करियर के पहले वनडे मैच में तो वो शून्य पर रन आउट हो गए थे। हालांकि बाद में चौथे मैच में उन्होंने शतक जड़ा और उसके बाद वे नहीं रुके।
लंबे बालों वाले निडर धोनी ने जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख लिया और अपनी शुरुआत के एक साल के भीतर ही वनडे मैचों में 148 और 183 की धाकड़ पारियां खेलते ही लोगों के दिलों में जगह बना ली। किक्रेट की दीवार माने जाने वाले राहुल द्रविड़ ने वनडे वर्ल्डकप 2007 में कप्तानी छोड़ दी थी। धोनी की कप्तानी में रहते हुए भारत ने आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2007, राष्ट्रमण्डल बैंक श्रृंखला (CB सीरीज) 2007-08, एशिया कप 2010, आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011, और आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी 2013 में जीत दर्ज की। उन्होंने यह सारी ट्राफियां भारत की झोली में डाल दीं।
15 अगस्त 2020 को उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। धोनी का आखिरी वनडे मैच काफी दुखद रहा। इसमें वे 2019 के विश्वकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ रनआउट हो गए और टीम को हार मिली। ऐसे में उनके करियर की शुरुआत भी रनआउट से हुई और अंत भी इसी से हुआ।
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