आज योगी आदित्यनाथ 2.O का कार्यकाल शुरू होने वाला है क्योंकि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे साथ ही दो उपमुख्यमंत्री समेत 46 मंत्री भी शपथ लेंगे.
नई दिल्ली: आज योगी आदित्यनाथ 2.O का कार्यकाल शुरू होने वाला है क्योंकि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे साथ ही दो उपमुख्यमंत्री समेत 46 मंत्री भी शपथ लेंगे. लेकिन आज शपथ ग्रहण तो है ही साथ ही मुद्दा यह भी है कि डॉ. दिनेश शर्मा जो बीजेपी के लिए काफी लम्बे समय से काम करने वाले नेता रहे हैं और पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश जी को इसबार हटा दिया गया है और उनकी जगह ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.
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केशव प्रसाद मौर्या पिछली बार भी मुख्यमंत्री रहे थे और इस बार भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्त्व ने उनको उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है वैसे आपको बताते चले कि केशव प्रसाद मौर्या इस बार अपनी पारंपरिक कौशाम्बी की सिराथू सीट से चुनाव हार गये थे लेकिन उनको इस बार भी उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया है.
लेकिन इस बार डॉ. दिनेश की जगह ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री का पदभार सँभालने को दिया गया है ब्रजेश पाठक पिछली बार योगी मंत्रिमंडल में कानून मंत्री थे लेकिन इस बार उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. सवाल उठता है कि ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री क्यों बनाया गया है? यूपी चुनाव का इतिहास है कि वहां जाति आधारित चुनाव लड़ा जाता है और यह चुनाव भी जाति और धर्म से अछूता नहीं रहा, पिछले एक-दो सालों में ब्राह्मणों के साथ कई घटनाएँ हुई थी जिसके कारण सोशल मीडिया में यह खबर फैलने लगी कि योगी सरकार ब्राह्मणों की विरोधी है योगी सरकार ने सबसे ज्यादा ब्राह्मणों के एनकाउंटर कराये हैं. इन्हीं खबरों को लेकर योगी सरकार की आलोचना भी होने लगी थी और कुछ ब्राह्मणों ने नाराजगी भी जाहिर की थी.
वैसे कहा जाएँ तो ब्रजेश पाठक विधासभा चुनाव में काफी एक्टिव भी रहे थे वो बीजेपी का बहुत बड़ा चेहरा भी रहें हैं. साथ ही वह ब्राह्मणों के बहुत बड़े चेहरे रहे हैं और गौरतलब है कि बीजेपी इस बार अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने वाली थी हो सकता है कि यह भी एक कारण ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाने का और बीजेपी ने अभी से ही मिशन 2024 पर काम करना शुरू कर दिया है ऐसे में बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में ब्राह्मणों को नाराज नहीं करना चाहती और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्त्व इस बात को जानता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है.
वही डॉ. दिनेश पाण्डेय को इसलिए दुबारा उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है क्योंकि वह यूपी चुनाव में सक्रीय नहीं थे और न ही उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार में कोई रैली की थी. इसका एक कारण और भी है वह सिर्फ ज्यादातर अपनी अपनी बात अंग्रेजी में ही रखते हैं और उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा हिंदी भाषी है जिस कारण उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है.