देहरादून के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जी एस मर्तोलिया, जिनके कार्यकाल के दौरान अनुपम गुलाटी हत्याकांड का खुलासा हुआ था, ने कहा कि इस तरह से हत्या करने वाले लोगों को ‘सामान्य’ नहीं माना जा सकता। मर्तोलिया ने कहा था, “अपने पूरे करियर में, मैंने कभी इस तरह का मामला नहीं देखा था, जहां हत्यारे ने शव पर इस तरह का क्रूर अत्याचार किया हो।
नई दिल्ली: श्रद्धाहत्याकांड से पूरे देश में दुख और हैरानी है। रोजाना इस हत्याकांड में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। श्रद्धा के लिव इन पार्टनर आफताब आमीन पूनावाला ने उसे गला दबाकर मारने के बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए और उन टुकड़ो को फ्रिज में रख लिया। फिर इन्हें जंगल में ठिकाने लगा दिया। ऐसा ही एक खौफनाक केस 2010 में हुआ था। जिसने सभी के दिल को दहला दिया था। उत्तराखण्ड के देहरादून में 36 साल की अनुपमा गुलाटी की उसके पति राजेश गुलाटी ने तकिए से मुंह दबाकर हत्या कर दी थी और फिर उसकी बॉडी के 70 टुकड़े कर दिए थे।
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राजेश को अनुपमा पर किसी और के साथ अफेयर का शक था
दिल्ली की रहने वाली अनुपमा की शादी देहरादून के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी से 1999 में हुई थी। दोनों ने लव मैरिज की थी। शादी के बाद दोनों अमेरिका रहने चले गए थे। दंपति के दो जुड़वा बच्चे भी थे, जो अमेरिका में ही पैदा हुए। फिर छह साल बाद 2006 में ये लोग भारत लौट आए। परिवार देहरादून में आकर बस गया लेकिन पति पत्नी के रिश्ते में सब ठीक नहीं चल रहा था। राजेश को अनुपमा पर शक था कि उसका अमेरिका में एक शख्स के साथ अफेयर हो गया था। वहीं अनुपमा ने भी राजेश पर कोलकाता की एक महिला के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था।
17 अक्टूबर, 2010 की वह दिल दहलाने वाली रात
अनुपमा और राजेश के बीच अक्सर झगड़े हुआ करते थे और 17 अक्टूबर, 2010 को वो हुआ, जिससे पूरा देश हिल गया। राजेश ने अपनी पत्नी को थप्पड़ मारा, जिसके बाद उसका सिर दीवार से टकरा गया। वह बेहोश होकर गिर गई। राजेश को डर था कि वह उठने के बाद पुलिस में उसके खिलाफ शिकायत कर सकती है। उसने उसे मारने के लिए तकिए या इस्तेमाल किया। फिर राजेश बिजली से चलने वाला कटर लाया और अपनी पत्नी के शरीर के 70 टुकड़े कर दिए। उसकी बॉडी के टुकड़ों को उसने डीप फ्रिजर में रख दिया था।
दो महीने तक राजेश ने अनुपमा की बॉडी के टुकड़ो को डीप फ्रिजर में रखा था
अनुपमा का पति उसके परिवार और दोस्तों को गुमराह करने के लिए अनुपमा की मेल आईडी से उन्हें मैसेज भेजा करता था। उसने अपने दोनों बच्चों और यहां तक कि पड़ोसियों तक से कह दिया था कि अनुपमा दिल्ली गई है। हत्या का खुलासा दिसंबर में हुआ। जब अनुपमा का भाई कई दिनों तक उससे संपर्क नहीं कर पाया, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस तलाश करने के लिए जब राजेश के घर पहुंची। तब उन्हें अनुपमा कहीं भी दिखाई नहीं दी। तभी पुलिस की नजर घर में रखे डीप फ्रीजर पर पड़ी। तब उनको शक हुआ कि डीप फ्रिजर तो अक्सर दुकान में होता है। घर में इस्तेमाल के लिए तो लोग फ्रिज रखते हैं। शक होने पर पुलिस ने डीप फ्रिजर को खोलकर देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने अनुपमा की बॉडी के टुकड़ों को डीप फ्रिजर में जमा हुआ पाया।
राजेश को हुआ आजीवन कारावास
साल 2017 में देहरादून की एक अदालत ने राजेश को हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास और 15 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। देहरादून के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जी एस मर्तोलिया, जिनके कार्यकाल के दौरान अनुपम गुलाटी हत्याकांड का खुलासा हुआ था, ने कहा कि इस तरह से हत्या करने वाले लोगों को ‘सामान्य’ नहीं माना जा सकता। मर्तोलिया ने कहा था, “अपने पूरे करियर में, मैंने कभी इस तरह का मामला नहीं देखा था, जहां हत्यारे ने शव पर इस तरह का क्रूर अत्याचार किया हो।” ऐसी हत्याएं अचानक नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि झगड़े और घरेलू हिंसा के कृत्यों के रूप में संकेत प्रकट होने लगते हैं।
Edit By Deshhit News