नई दिल्ली: बीते रविवार को करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने शराब घोटाले मामले में डिप्टी सीएम सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को विशेष अदालत ने मनीष सिसोदिया को चार मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। इस बीच सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की। इसके साथ ही सिसोदिया ने अपनी बेल की भी मांग की है। जिस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और हाईकोर्ट का रुख करने को कहा। बता दें, मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूतों को मिटाने के अलावा आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा) और 477ए (खातों में हेरफेर) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सहित (भ्रष्ट या अवैध तरीकों से या किसी लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ उठाना) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने सिसोदिया की पूछताछ कैमरे के सामने करने को कहा

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ को लेकर कोर्ट ने कहा कि, सिसोदिया से ऐसी जगह पूछताछ हो, जहां सीसीटीवी लगे हों और फुटेज सुरक्षित रखी जाए। दरअसल, यह आदेश उस आशंका के मद्देनजर दिया गया, जिसमें उनसे थर्ड डिग्री या जबरदस्ती की आशंका जताई गई थी।
किस नीति के तहत सिसोदियो को किया गया है गिरफ्तार ?

दिल्ली शराब नीति घोटाले का ये पूरा मामला दिल्ली सरकार की नई शराब नीति 2021-22 से संबंधित है। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 से दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। इस नई शराब नीति के तहत शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौप दिया गया था और दिल्ली सरकार इससे पूरी तरह बाहर आ गई थी। बता दें कि दिल्ली में कुल 32 जोन है, एक जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुल सकती थीं। दिल्ली में शराब की कुल 849 दुकानें खोली गईं।
मनीष सिसोदियो आप के पहले नेता नहीं जो गिरफ्तार हुए
बता दें कि सिसोदिया गिरफ्तार होने वाले पहले मंत्री नहीं हैं। इनसे पहले आम आदमी पार्टी के दो मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं। उनमें से एक तो अब भी जेल में ही हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 20 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। वो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
सत्येंद्र जैन के कार्यों का लेखा- जोखा करते थे सिसोदिया

मई 2022 में सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सारे विभाग मनीष सिसोदिया को सौंप दिए गए थे। स्वास्थ्य और गृह विभाग महत्वपूर्ण थे, क्योंकि ये प्रमुख परियोजनाओं और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से संबंधित हैं। मोहल्ला क्लिनिक परियोजना अरविंद केजरीवाल की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इस परियोजना की कल्पना सत्येंद्र जैन ने की थी और बाद में इसे सिसोदिया को सौंप दिया गया था। कई नई अस्पतालों की परियोजनाएं भी पाइपलाइन में हैं और राजधानी के लिए कोविड के बाद काफी महत्वपूर्ण हैं। कई अस्पतालों में भी बिस्तर क्षमता की संख्या बढ़ाने के लिए भी काम किए जा रहे हैं। जैन की अध्यक्षता वाला गृह विभाग भी अब सिसोदिया की देखरेख में था, जो दिल्ली पुलिस, तिहाड़ जेल और दिल्ली अग्निशमन सेवाओं से संबंधित महत्वपूर्ण मामले देखता है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी से अरविंद केजरीवाल के सामने खड़ी हो गई है मुश्किलें

ऐसे में मनीष सिसोदिया की गैरमौजूदगी में इन विभागों के कामकाज की देखरेख का जिम्मा केजरीवाल के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि, पूरी संभावना है कि उन्हें सत्येंद्र जैन की तरह मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए अपने बचे चार मंत्रियों में से 18 विभागों का फिर से आवंटन करना भी काफी चुनौती भरा होगा।
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Edit By Deshhit News