रेशम उद्योग को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने की राज्य सरकार की पहल

27 Feb, 2024
Head office
Share on :

मुख्य बिंदु:

ओपन नेटवर्क इन डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी): रेशम उत्पादकों और बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पादों को ब्रांड मार्केटिंग के लिए ई-प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा।

पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड: विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए पीपीपी मॉडल लागू किया जाएगा।

एफपीओ मॉडल: किसानों, धागाकारों, बुनकरों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए एफपीओ मॉडल लागू किया जाएगा।

रेशम उत्पादन में वृद्धि: मलबरी रेशम उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा और लगभग 1000 एकड़ अतिरिक्त कृषि रकबे में मलबरी रेशम उत्पादन बढ़ाया जाएगा।

नवाचार: रेशम उत्पादन एवं प्रसंस्करण से जुड़ी योजनाओं और नवाचारों को लागू किया जाएगा।

केंद्रितकरण: जिम्मेदारियों के विकेंद्रीकरण पर अधिकाधिक जोर दिया जाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

पचमढ़ी सिल्क टेक पार्क और रेशम से समृद्धि योजना को राज्य सरकार की अतुलनीय उपलब्धि बताया गया है।

रेशम से समृद्धि योजना के तहत बंद पड़ी सभी रेशम धागाकरण इकाइयों को फिर से शुरू किया जाएगा और नई इकाइयों की स्थापना भी की जाएगी।

आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में मलबरी रेशम उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।

अधिक से अधिक किसानों को रेशम उत्पादन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

रेशम उत्पादन और प्रसंस्करण से जुड़ी योजनाओं और नवाचारों के क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार की गई है।

कार्यशाला में उपस्थित:

नर्मदापुरम सिल्क इन्क्यूबेटर एफएमयू के प्रतिनिधि

विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि

शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के मेंटार शिक्षक

सरदार वल्लभभाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज भोपाल के प्राचार्य डॉ. के.वी. राव

सरदार वल्लभभाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज भोपाल के प्राचार्य डॉ. के.वी. राव ने सभी प्रतिभागियों का आभार ज्ञापित किया।

News
More stories
मतदाता जागरूकता रथ रवाना: जिलाधिकारी ने मतदान के महत्व पर जोर दिया