प्रयागराज: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ‘आपरेशन आहट’ के तहत एक सफल अभियान में 93 नाबालिगों को सीमांचल एक्सप्रेस से प्रयागराज जंक्शन पर उतारा। सूचना मिली थी कि बिहार के जोगबनी से आनंद विहार जा रही इस ट्रेन में नाबालिगों की तस्करी की जा रही है। आरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चों को ट्रेन से उतार लिया और उनके साथ नौ अन्य लोगों को भी हिरासत में ले लिया।
सूत्रों के अनुसार, बच्चे अलग-अलग छह ग्रुप में यात्रा कर रहे थे। इनकी उम्र नौ से 13 वर्ष के बीच बताई जा रही है। बच्चों के पास केवल जनरल टिकट थे। आरंभिक जांच में यह सामने आया है कि इन बच्चों को अवैध तरीके से देहरादून, जयपुर, दिल्ली आदि शहरों की ओर ले जाया जा रहा था।
आरपीएफ ने बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के हवाले कर दिया है। सीडब्ल्यूसी बच्चों से पूछताछ कर रही है और उनकी काउंसलिंग भी कर रही है। रेल सुरक्षा बल प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी विजय प्रकाश पंडित ने मीडिया को बताया कि मामले में गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एजेंटों ने आरंभिक पूछताछ में बताया कि वे बच्चों को मदरसे में पढ़ाई के लिए ले जा रहे थे। लेकिन सीडब्ल्यूसी इस दावे की जांच कर रही है। पूछताछ में यह सामने आया है कि इन बच्चों को जबरन भेजा जा रहा था।
यह घटना बाल तस्करी की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। आरपीएफ ने ‘आपरेशन आहट’ के तहत बाल तस्करी के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत आरपीएफ ट्रेनों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही है और नाबालिगों को तस्करी से बचाने के लिए कार्रवाई कर रही है।
यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि हमें बाल तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। हमें बच्चों को इस तरह के अपराधों से बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
विमल श्रीवास्तव