नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को आज बड़ा झटका लगा है। मोदी सरनेम मानहानि मामले में सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गाँधी की याचिका खारिज कर दी है। राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ये याचिका दायर की थी। कांग्रेस नेता ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सेशन कोर्ट का रुख किया था। बता दें, सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य कर दिया गया था।
राहुल गांधी को अपने शब्दों में ज्यादा सावधान रहना चाहिए था – सूरत कोर्ट के जज

आपको बता दें, याचिका खारिज करते हुए सूरत कोर्ट के जज ने अपने ऑर्डर में कहा कि सांसद और दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते राहुल गांधी को अपने शब्दों में ज्यादा सावधान रहना चाहिए था, जिसका लोगों के मन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उनको सोच समझकर बोलना चाहिए था।
राहुल गांधी के शब्द पीड़ित व्यक्ति को मानसिक पीड़ा देने के लिए पर्याप्त हैं – जज आर. पी. मोगेरा

सूरत कोर्ट के जज ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने जब ये बयान दिया था। तब वे कांग्रेस अध्यक्ष होने के साथ-साथ सांसद भी थे। जज आर. पी. मोगेरा ने ये भी कहा कि राहुल गांधी के मुंह से निकलने वाले कोई भी अपमानजनक शब्द पीड़ित व्यक्ति को मानसिक पीड़ा देने के लिए पर्याप्त हैं और इस मामले में ‘मोदी’ उपनाम वाले व्यक्ति की तुलना चोरों से करने से निश्चित रूप से मानसिक पीड़ा और प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है।
राहुल गांधी के वकीलों ने दाखिल किए थे दो आवेदन

बता दें, अगर आज राहुल गाँधी सूरत कोर्ट से राहत मिल जाती तो उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता था।हालांकि, निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी की मुख्य याचिका पर सेशन कोर्ट अगली तारीख पर सुनवाई जारी रखेगी। आपको यह भी बता दें कि राहुल गांधी के वकीलों ने दो आवेदन दाखिल किए थे। जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था।
सूरत कोर्ट ने साबित कर दिया कि कोर्ट सबके लिए बराबर है – संबित पात्रा

बता दें, राहुल गांधी की याचिका खारिज होने पर संबित पात्रा ने निशाना साधा है। संबित पात्रा ने कहा कि गांधी परिवार को हमेशा से ऐसा लगता है कि उनके लिए अलग कानून होना चाहिए। राहुल को इस बात का घमंड था कि वह गांधी परिवार के बेटे हैं लेकिन सूरत की कोर्ट ने भी साबित कर दिया कि कोर्ट सबके लिए बराबर है। उन्होंने कहा कि राहुल के पास अभी भी मौका है, उन्हें ओबीसी समुदाय से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए। उन्हें कोर्ट से माफी मांगने में शर्म क्यों आ रही है? वह ऐसे क्यों कहते हैं कि उनकी डिक्शनरी में सॉरी शब्द नहीं है, वह तो पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कान पकड़कर माफी मांग चुके हैं।
राहुल गाँधी को लग रहा था कि अगर उन्होंने मोदी समुदाय को चोर कह दिया तो क्या हो गया – संबित पात्रा

संबित पात्रा ने आगे कहा कि कोर्ट के इस फैसले से पूरे देश में खासकर की पिछड़े वर्ग में खुशी का माहौल है। राहुल गांधी बचकर निकल जाएंगे, ऐसा नहीं हुआ। राहुल गांधी अब आने वाले समय के लिए पार्लियामेंट से डिसक्वालिफाई ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह गांधी परिवार की हेकड़ी पर जोरदार तमाचा है। इसके लिए बीजेपी नेता ने कहा – जब ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया था तो गांधी परिवार और उनके आगे-पीछे घूमने वाले लोगों ने ऐसे माहौल बनाने की कोशिश की जैसे कोर्ट के फैसले में कोई गलती थी। ये दिखाने की कोशिश की जा रही थी जैसे ट्रायल कोर्ट का पूरा सिस्टम एकतरफा था और राहुल को फंसाने की कोशिश कर रहा था। पात्रा ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल को लग रहा था। क्या हो गया? अगर उन्होंने पिछले वर्ग को गाली दे दी तो, क्या हो गया? अगर उन्होंने मोदी समुदाय को चोर कह दिया।
पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के बयान के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत

बता दें, राहुल गाँधी ने 2019 में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता ? राहुल गाँधी के इस बयान के खिलाफ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। पूर्णेश मोदी की याचिका की सुनवाई करते हुए सूरत कोर्ट ने राहुल गाँधी को दो साल की सजा सुनाई थी और उनको अयोग्य ठहराते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी थी।