नई दिल्ली: गुरुवार को सरकार ने किरेन रिजिजू को केंद्रीय कानून मंत्री के पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार सौंप दिया गया। मोदी सरकार के इस फैसले ने सभी को हैरत में डाल दिया। किरेन रिजिजू की जगह पर अर्जुन राम मेघवाल को नया कानून मंत्री बनाया गया। सियासत की गलियों में सरकार के इस फैसल की जोरों – शोरों से चर्चा हो रही थी। अब खुद किरेन रिजिजू ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है।
ये फेरबदल सरकार की एक योजना के तहत हुआ है – किरेन रिजिजू

शुक्रवार को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद किरेन रिजिजू ने कहा, ‘विपक्षी दल जाहिर तौर पर मेरी आलोचना करेंगे। विपक्ष का मेरे खिलाफ बोलना कोई नई बात नहीं है। मंत्रिमंडल में ये फेरबदल किसी तरह की कोई सजा नहीं है। ये फेरबदल सरकार की एक योजना के तहत हुआ है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन शामिल है।’
कौन है अर्जुन राम मेघवाल ?

किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय लेकर अर्जुन राम मेघवाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपने सरल जीवन के लिए प्रसिद्ध मेघवाल वर्तमान में केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री, पूर्व केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा विकास मंत्री तथा बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद है। अर्जुन राम मेघवाल का जन्म 7 दिसंबर 1954 में हुआ। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जब भाजपा के टिकट पर बीकानेर लोकसभा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। केन्द्र सरकार में वित्त व कंपनी मामलात राज्य मंत्री संसदीय कार्यमंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री रहे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए थे।
मंत्रालय में बदलाव के बाद किरेन रिजिजू ने पीएम मोदी और न्यायपालिका का किया था शुक्रिया अदा

बता दें कि मंत्रालय में बदलाव के बाद किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यायपालिका का शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने लिखा था – माननीय पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में सेवा करना एक सौभाग्य और सम्मान की बात रही है। मैं भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों, हाई कोर्ट्स के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों, निचली अदालतों और पूरे कानून अधिकारियों को न्याय की आसानी सुनिश्चित करने और हमारे नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने में भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने आगे लिखा था, मैं भू-विज्ञान मंत्रालय में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को उसी जोश के साथ पूरा करने के लिए तत्पर हूं। मैं बीजेपी के एक विनम्र कार्यकर्ता के रूप में इसे स्वीकार करता हूं।
किरन रिजीजू से क्यों लिया गया कानून मंत्री का पद वापस

आपको बता दें कि गुरुवार को किरेन रिजिजू को केंद्रीय कानून मंत्री के पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार सौंपने के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘पिछले कुछ समय से कानून मंत्री के तौर पर किरेन रिजिजू द्वारा जजों की नियुक्ति और अदालतों के काम करने के तौर तरीकों को लेकर की जा रही टिप्पणियों और हस्तक्षेप ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए अपने कानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया।’ गौरतलब है कि कानून मंत्री के तौर पर रिजिजू के कार्यकाल में जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर उनके और न्यायपालिका में टकराव की खबरें अक्सर सुर्खिया बटोर रही थीं। रिजिजू शीर्ष न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति वाले कलीजियम सिस्टम पर सार्वजनिक तौर पर तीखे हमले करते रहे हैं। वह इसे ‘अपारदर्शी’ सिस्टम बताते हुए आलोचना करते रहे हैं।
साल 2021 में रविशंकर प्रसाद से वापस लेकर किरेन रिजिजू को सौंपा गया था कानून मंत्री का पद

बता दें कि साल 2021 में रविशंकर प्रसाद को कानून मंत्री के पद से हटाकर किरेन रिजिजू को यह पद दिया गया था। किरन रिजिजू का जन्म 19 नवंबर, 1971 को अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले में हुआ था। उनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री है। उन्होंने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव (अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र) लड़ा और जीत हासिल की थी लेकिन वह 2009 के लोकसभा चुनाव में हार गए थे। 2014 के चुनाव में रिजिजू ने फिर से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री बनाए गए।