एनसीएलएटी ने एटीएस नाइट्सब्रिज परियोजना में निर्माण कार्य जारी रखने का निर्देश दिया

14 May, 2024
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नोएडा, 14 मई 2024: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 11 मई 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसमें एटीएस समूह की नाइट्सब्रिज परियोजना में निर्माण कार्य अगले निर्देश तक अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) के तहत जारी रखने की अनुमति दी गई है। यह निर्णय एनसीएलएटी द्वारा दिवालियापन और अक्षमता संहिता (IBC), 2016 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिया गया था।

निर्णय का महत्व:

यह निर्णय कई महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों को संबोधित करता है जो अक्सर IBC मामलों में उत्पन्न होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह स्पष्ट करता है कि एनसीएलएटी, उचित परिस्थितियों में, परियोजनाओं के पूरा होने की सुविधा के लिए निर्माण कार्यों को जारी रखने की अनुमति दे सकता है, भले ही वे दिवालियापन प्रक्रियाओं के अधीन हों।

विश्लेषण:

एनसीएलएटी ने अपने निर्णय में निम्नलिखित बातों पर विचार किया:

  • घर खरीदारों के हित: एनसीएलएटी ने यह माना कि निर्माण कार्य रोकने से घर खरीदारों को अपूर्ण परियोजनाओं के साथ छोड़ दिया जाएगा, जिससे उन्हें भारी नुकसान होगा।
  • परियोजना की व्यवहार्यता: एनसीएलएटी ने यह भी पाया कि परियोजना अभी भी व्यवहार्य है और इसे पूरा किया जा सकता है, बशर्ते उचित धन और प्रबंधन प्रदान किया जाए।
  • सार्वजनिक हित: एनसीएलएटी ने यह भी माना कि परियोजना को रोकने से सार्वजनिक हित को नुकसान होगा, क्योंकि इससे रोजगार का नुकसान और आर्थिक गतिविधि में कमी हो सकती है।

निष्कर्ष:

एनसीएलएटी का निर्णय एटीएस नाइट्सब्रिज परियोजना के घर खरीदारों और अन्य हितधारकों के लिए एक बड़ी राहत है। यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि एनसीएलएटी दिवालियापन मामलों में सभी पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए व्यावहारिक और न्यायसंगत निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है।

अतिरिक्त टिप्पणियां:

  • यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एनसीएलएटी का निर्णय मामला-दर-मामला आधार पर लिया गया है और यह अन्य मामलों के लिए बाध्यकारी नहीं है।
  • एनसीएलएटी ने यह भी स्पष्ट किया कि आईआरपी को परियोजना की प्रगति की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए और एनसीएलएटी को रिपोर्ट करनी चाहिए।
  • यह मामला IBC के तहत निर्माण कार्यों को जारी रखने के लिए एनसीएलएटी की शक्तियों के बारे में कानूनी बहस को जन्म दे सकता है।

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