स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल पर करीब 100 लोगों के साथ चढ़ने की क्षमता थी। लेकिन रविवार को पुल पर तय सीमा से ज्यादा लोग मौजूद थे, जिससे ओवरलोड होने के चलते यह पूरा हादसा हुआ।
नई दिल्ली: रविवार शाम 6:30 बजे गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी में एक केबल पुल के टूटने से कई लोगों की मौत हो गई। बताया गया है कि जिस वक्त पुल टूटा उस वक्त करीब 400 लोग पुल पर ही थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में 141 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हैं। ये पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था और रिनोवेशन के बाद इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को खोला गया था। आपको बता दें, ये पुल लगभग 141 साल पुराना है।
स्थानीय लोग – भारी भीड़ के कारण हुआ हादसा
![suspension-bridge-collapses-at-morbi-in-gujarat-pm-modi-takes-stock-of-situation.jpg](https://new-img.patrika.com/cdn-cgi/image/width=798,quality=100/https://new-img.patrika.com/upload/2022/10/30/suspension-bridge-collapses-at-morbi-in-gujarat-pm-modi-takes-stock-of-situation.jpg)
जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय गुजरात के ही रहने वाले लोगों ने पूरी घटना को बयां किया। उन्होंने बताया कि पुल पर भारी भीड़ के कारण यह घटना हुई है। उन्होंने कहा कि चूंकि ये पुल काफी ज्यादा पुराना है। वहीं, इस बीच दीवाली की छुट्टियां चल रही हैं और आज रविवार भी था। ऐसे में लोग बड़ी संख्या में मस्ती करने के लिए पुल पर मौजूद थे। पुराना होने के कारण पुल लोगों का बोझ वहन नहीं कर सका और टूट गया।
![Morbi Cable Bridge Collapse Video people suddenly fell in the river | Morbi Bridge Collapse Video: मोरबी में अचानक टूटकर गिरा पुल, हादसे का वीडियो आया सामने | Hindi News, देश](https://hindi.cdn.zeenews.com/hindi/sites/default/files/styles/zm_700x400/public/2022/10/31/1397121-morbi-video44.jpg?itok=K9SG20Fu)
उन्होंने आगे बताया कि जब यह घटना हुई तो लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। अचानक हुए इस हादसे में कई लोग सीधे नदी में जा गिरे तो वहीं कई पुल के केबल को पकड़कर लटकते भी देखे गए।
स्थानीय लोग – कुछ लोग पुल को जानबूझकर हिला रहे थे
![Morbi Bridge Collapse: मोरबी में पुल टूटने से 68 लोगों की मौत, बचाव कार्य जारी, पुल की प्रबंधन टीम पर मामला दर्ज - big accident in gujarat morbi as 400 people fell](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2022/10/Morbi-Bridge-pti-1200-16671558063x2.jpg)
जानकारी के मुताबिक, कुछ युवक जानबूझ कर पुल को हिला रहे थे, उस कारण पुल पर लोगों का चलना भी दूभर हो रहा था। चूंकि कुछ लोगों को लगा कि इससे खतरा हो सकता है, वह और उनका परिवार पुल से नीचे उतर आए। उन्होंने बताया कि इसके बारे में उन्होंने पुल के कर्मचारियों को भी सूचना दी, लेकिन, उन्हें सिर्फ टिकट बेचने में दिलचस्पी थी और उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने का कोई उपाय नहीं है। हमारे वहां से जाने के कुछ ही घंटे बाद हमारा डर सच हो गया और पुल टूट गया।
स्थानीय लोग – पुल पर केवल 100 लोगों की चढ़ने की क्षमता थी
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घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद ने बताया कि छुट्टी होने के चलते वहां भारी संख्या में लोग घूमने गए थे। पुल पर लोगों की भीड़ उमड़ने पर यह बड़ा हादसा हुआ। उन्होंने आगे बताया कि इस पुल पर करीब 100 लोगों के साथ चढ़ने की क्षमता थी। लेकिन रविवार को पुल पर तय सीमा से ज्यादा लोग मौजूद थे, जिससे ओवरलोड होने के चलते यह पूरा हादसा हुआ।
बिना फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर शुरु कर दिया गया था पुल
![Morbi Cable Bridge Collapse Tree Teams Of Ndrf Sent To Accident Site Gujarat | Morbi Cable Bridge Collapse: रेस्क्यू के लिए NDRF की तीन टीमें भेजी गई, अब तक 170 लोगों को](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/30/e6a92ba9e83915d4e2c68cd3e95e69351667149763803490_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=650)
समाचार एजेंसी पीटीआइ भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर आम लोगों के लिए खोला गया था। एक अधिकारी ने बताया कि पुल की मरम्मत का काम पूरा होने के बाद भले ही इस खोल दिया गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय की ओर से कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था।
कांग्रेस ने पूरे मसले को चुनावी मोड़ दिया
वहीं अब कांग्रेस ने इस पूरे मसले को चुनावी मोड़ दे दिया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव की जल्दबाज़ी में बीजेपी ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया दिया जिस कारण ये हादसा हुआ।
पुल की मरम्मत का काम एक निजी एंजेसी कर रही थी
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वहीं आपको बता दें, पुल के रखरखाव और प्रबंधन एजेंसियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) और धारा-114 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने यह भी बताया कि प्रबंधन एजेंसी ने पुल की उचित देखभाल और गुणवत्ता की जांच नहीं की। एजेंसी ने गंभीर लापरवाही बरतते हुए 26 अक्टूबर को इसे लोगों के लिए खोल दिया। पुल रखरखाव के लिए करीब 8 महीने से बंद था और मरम्मत का काम एक निजी एजेंसी कर रही थी।
कब हुआ था पुल का निर्माण
बता दें कि मच्छु नदी पर इस केबल पुल का निर्माण साल 1880 में किया गया था। इसका उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेंपल द्वारा किया गया था। इसे बनाने में तकरीबन 3.5 रुपये की लागत खर्च हुई थी। पुल के निर्माण के लिए सामान विदेश से लाया गया था। यह पुल यह लगभग 230 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा था। हालांकि पुल की मरम्मत कई दफा कराई जा चुकी है। हाल ही में छह महीने की मरम्मत के बाद पुल को 25 अक्टूबर को खोला गया था।
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