नगर निगम का कार्यकाल 5 साल का होता है। इसे तीन भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें 2 वर्ष महिला पार्षद के लिए, 2 वर्ष जनरल वर्ग के लोगों के पार्षद के लिए एवं 1 वर्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है।
नई दिल्ली: दिल्ली में तीन नगर निगम हैं। इनमें उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिण दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम शामिल हैं। आज इन तीनों नगर निगमों के चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद 1 महिला मेयर बनाई जाएगी लेकिन अब तक उत्तरी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली में कौन- कौन मेयर रह चुके हैं यह जान लेते हैं….
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कौन होता है मेयर ?
मेयर को हिंदी में महापौर कहा जाता है। प्रत्येक महानगर में एक नगर – निगम की स्थापना की जाती है। यह नगर – निगम के क्षेत्र में होने वाली सभी गतिविधियों का ध्यान रखते हैं और उनकी देख – रेख करता है मेयर अपने नगर में साफ – सफाई से जुड़े सभी कामों को कर्मचारियों के द्वारा करवाता है। प्रत्येक नगर – पालिका में एक महापौर होता है। जिसे उस नगर का नागरिक भी कहा जा सकता है। नगर – निगम की सभी कार्यसूची मेयर की सहमती से ही होती है। मेयर को नगर का प्रशासक भी कहा जाता है। नगर निगम के द्वारा मेयर के लिए प्रत्येक 5 वर्ष में चुनाव आयोजित किए जाते हैं। इन चुनावों में कई पार्षद चुने जाते हैं। इन पार्षदों में से एक पार्षद को मेयर के पद के लिए चुना जाता है। नगर निगम के पार्षदों का चुनाव आम जनता के द्वारा किया जाता है।
वर्तमान में उत्तरी नगर निगम का मेयर कौन है?

वर्तमान में उत्तरी नगर निगम में राजा इकबाल सिंह मेयर हैं। वहीं उपमहापौर के तौर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम में श्रीमती अर्चना हैं।
कौन है? मौजूदा समय में पूर्वी नगर निगम का मेयर

पूर्वी नगर निगम में श्याम सुंदर अग्रवाल मेयर हैं। वहीं उपमहापौर के तौर पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम में किरण वैद्य हैं।
अभी तक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का मेयर कौन है?

दिल्ली नगर निगम में मुकेश सुर्यान महापौर कार्य कर रहे हैं। वहीं उपमहापौर के तौर पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में पवन शर्मा कार्य कर रहे हैं।
क्या होता है मेयर का कार्य ?
- नगर – निगम में होने वाले सभी कार्य मैहर की स्वीकृति के पश्चात ही किये जाते हैं।
- मेयर शहर का पहला नागरिक होता है।
- मेयर शहर में हो रही साफ – सफाई पर नजर रखता है एवं शहर की समय – समय पर सफाई भी करवाता है।
- मेयर नगर – निगम से सबंधित सभी कामों का ध्यान रखता है।
क्या होता है? मेयर का अधिकार
- मेयर को सरकार के द्वार दो करोड़ रुपय की राशी दी जाती है। जिसका इस्तेमाल वह अपने वार्ड को छोड़कर शहर में कही भी खर्च कर सकता है।
- मेयर को लाल बत्ती वाली गाड़ी और एक हॉउस भी दिया जाता है।
- सदन में हो रहे किसी भी काम को मेयर की स्वीकृति के बाद ही रखा जाता है।
- नगर निगम में सभी कार्य मेयर की स्वीक्रति के बाद ही किये जाते है।
क्या होती मेयर की योग्यता?
- Mayor बनने के लिए कैंडिडेट का भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- वह व्यक्ति जो Mayor बनना चाहता है। उसकी आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- मेयर बनने के लिए उस कैंडिडेट को न्यूनतम दसवीं कक्षा में पास होना जरूरी है।
- उस व्यक्ति की जनता में छवि अच्छी होनी चाहिए।
- जिस नगर में वह Mayor बनना चाहता है, वह उस नगर का नागरिक होना चाहिए।
- नगर में रहते हुए उस व्यक्ति को जनता की सहायता करनी चाहिए और उनसे अच्छे व्यवहार बनाकर रखने चाहिए।
कितने समय का होता है ? मेयर का कार्यकाल
नगर निगम का कार्यकाल 5 साल का होता है। इसे तीन भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें 2 वर्ष महिला पार्षद के लिए, 2 वर्ष जनरल वर्ग के लोगों के लिए पार्षद के लिए और 1 वर्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। पहले और चौथे साल का मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित होता है। दूसरे वर्ष और 5 वर्ष का कार्यकाल जनरल एवं तीसरे वर्ष का कार्यकाल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होता है।
Edit By Deshhit News