हिजाब विवाद मामले में आज सुनाएगा कर्नाटक हाईकोर्ट फैसला, मामला सवेंदनशील, तीन शहर में धारा में 144

15 Mar, 2022
Deepa Rawat
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हिजाब विवाद जैसे संवेदशील मामले को देखते हुए बेंगलुरू, मैसूर और बेलगावी में आज से एक सप्ताह के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. उडुपी में पहले से ही धारा 144 लागू है

नई दिल्ली: हिजाब विवाद में हाईकोर्ट ने मामले की पूरी सुनवाई कर ली है और मामले को सुरक्षित रखते हुए आज हो सकता है कि कर्नाटक हाईकोर्ट फैसला दे. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य में शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिस महानिदेशक ने राज्य पुलिस को चौकस रहने का आदेश दे दिया है. वही दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे जिसे देखकर एहतियात के तौर पर बेंगलुरू, मैसूर और बेलगावी में आज से एक सप्ताह के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. उडुपी में पहले से ही धारा 144 लागू है. और साथ ही उडुपी, दक्षिण कन्नड़ा, शिवमोगा और कलबुर्गी में आज स्कूल बंद कर दिए गए हैं. आपको बताते चले की इस मामले की सुनवाई करने वाली पीठ में मुख्य न्यायधीश न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायामूर्ति कृष्ण एम दीक्षित शामिल हैं

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आज

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हाईकोर्ट ने इस मामले को तत्काल प्रभाव लिया था उस वक़्त जब मामला गर्म था तो कोर्ट ने फैसल दिया था की दोनों पक्ष के लिए अस्थाई प्रतिबन्ध लगाये थे जिसमें मुस्लिम लड़कियों के लिए हिजाब पर प्रतिबन्ध लगये थे और वहीँ हिन्दू लड़कियों के लिए भगवा दुपट्टा ओड़कर आने के लिए मना किया गया था.

प्रशासन का विरोध करते हुए छात्राएं

आपको बता दें कि इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की ओर  से अदालत में दलील दी गई थी कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं है और धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रखना चाहिए. वही सरकार ने संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर का उदाहरण देते हुए कहा कि संविधान सभा में अम्बेडकर ने कहा था कि ‘हमें अपने धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रख देना चाहिए.

कर्नाटक विधानसभा

क्या था विवाद

इस विवाद की शुरुआत कर्नाटक से हुई थी जब उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर विमेन में छह छात्राओं को हिजाब पहन कर आने से रोक दिया गया. छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और कॉलेज प्रशासन की खिलाफ मुस्लिम लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन किया था ये मामला तब और बढ़ गया था जब हिन्दू लड़कियों ने इसके विरोध में भगवा रंग का दुपट्टा पहनकर कॉलेज आने लगी गई थी.

हिजाब को लेकर विवाद में एक लड़की का विरोध किया था उसके समर्थन में छात्रा

कॉलेज के प्रशासन ने कॉलेज आने वाले लड़कियां रास्ते में हिजाब पहन सकती है लेकिन जब वह कॉलेज आ जायेंगे और क्लास में बैठने से पहले उन्हेन्हीजाब उतारकर आना पड़ेगा.

राज्य सरकार ने यूनिफॉर्म को लेकर आदेश भी जारी किया था जिसके मुताबिक सरकारी शिक्षा संस्थानों की कॉलेज डेवलपमेंट कमेटियां यह फैसला ले सकती हैं कि यूनिफॉर्म कैसी होगी. निजी संस्थान यह फैसला कर सकते हैं कि कॉलेजों में यूनिफॉर्म जरूरी है या नहीं.

विरोध करती छात्रा

कॉलेज प्रशासन के खिलाफ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी जिसमें उन छात्राओं ने ये कहते हुए याचिका दायर की थी कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है.

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