रूस और यूक्रेन के युद्ध में ट्विटर पर #ISTANDWITHPUTIN का हुआ ट्रेंड

03 Mar, 2022
Deepa Rawat
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अभी हाल ही में सबसे ज्यादा चर्चित होने वाली खबर रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर है इस युद्ध में लोगों की अलग-अलग राय देखने को मिली है एक तरफ तो मेनस्ट्रीम की मीडिया है जो इस युद्ध की आलोचना कर रहा है उसका मानना है कि युद्ध नहीं होना चाहिए ।

नई दिल्ली: यूक्रेन एक संप्रभु देश है वह चाहे जिस संगठन से जुड़ना चाहे वह जुड़ सकता है और साथ ही उनका कहना है कि रूस को आम नागरिक और स्टूडेंट पर हमला नहीं करना चाहिए लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया इस बात के लिए चुप है कि भारत किसी का पक्ष क्यों नहीं ले रहा है।

रूस ने यूक्रेन के आम नागरिकों पर किए हमले

लेकिन जब हम सोशल मीडिया पर ट्विटर की ओर देखते है तो उसमे #istandwithputin ट्विट हो रहा है जिसमे सबसे ज्यादा भारतीय रूस के समर्थन में लिख रहे हैं वह चाहे ऐतिहासिक रूप से भारत और रूस के सम्बन्ध हो या रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में एक दूसरे की मदद के लिए हो.  #istandwithputin में लोगों का मानना है की 1957 में जब कश्मीर का मुद्दा यूएन में गया तो रूस ने उस वक़्त भारत का साथ देते हुए वीटो कर दिया था फिर रूस ने एक के बाद एक भारत का साथ दिया. 1961 में जब भारत ने गोवा में आर्मी भेजकर उसको आजाद करवाया तो तब रूस ने भारत का साथ दिया वर्ष 1971 में भी कश्मीर का विवाद जब यूएन में गया तब रूस ने भारत का साथ देते हुए वीटो कर दिया था.

रूस ने कब-कब की भारत मदद

 2019 में जब भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 में बदलाव किए तो तब रूस ने आधिकारिक रूप से भारत का साथ दिया था लेकिन यूक्रेन ने इन्हीं मुद्दों पर भारत का विरोध किया था जिसके कारण भारतीय लोग आज रूस के समर्थन में दिख रहे हैं लेकिन कुछ लिबरल लोग कहना है कि युद्ध कोई शांति का विकल्प नहीं हो सकता आम लोगों की जान लेना एक निंदनीय कार्य है जिसके लिए रूस को कभी माफ़ नहीं किया जा सकता.

धारा 370 के बदलाव के बाद जम्मू कश्मीर की तस्वीर

 वही कुछ ट्विट में कहना है कि यूक्रेन को अमेरिका का एजेंट नहीं होना चाहिए। यूक्रेन अपने ही देश के निर्दोष लोगों के लिए बुरा बन रहा है. उनका मानना है की रूस वर्तमान समय में जो कुछ भी कर रहा है वह अपनी सुरक्षा के लिए कर रहा है साथ ही उसको अपनी सीमा भी सुरक्षित रखनी है. रूस युद्ध में इसलिए है क्योंकि उसको अपने भविष्य को भी सुरक्षित करना है। यूक्रेन नाटो के साथ हाथ न मिलाकर आसानी से अपने वर्तमान और भविष्य को बचा सकता था और यूक्रेन के पास एक विकल्प था, लेकिन रूस के पास नहीं है।

रूस की सुरक्षा और #ट्विटर

कुछ ट्विट में ऐसा मानना है कि आज जो लोग कह रहे कि युद्ध गलत है तो उनको समझना चाहिए की 1991 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था तब अमेरिका और नाटो संगठन ने वादा किया था की वह रूस की ओर नहीं बढ़ेगा लेकिन वह आज रूस की सीमा की ओर बढ़ रहा है ऐसे में उसने अपना वादा तोड़ा है. क्योंकि वह केवल नाटो देश के संगठन और अमेरिका से अपने देश को बचाने की कोशिश कर रहा है! वही लोगों का मानना है कि यूक्रेन को एक पीएम के रूप में एक जोकर मिला है जो पश्चिम के इशारों पर नृत्य कर रहा है।

सोवियत संघ के विघटन होने के बाद स्वंतंत्र देशों की फोटो

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सामान्य रूप से ट्विटर में नाटो और अमेरिका की भूमिका पर लिखा गया है कि जब अमेरिका मध्य पूर्व में युद्ध जैसी स्थिति पैदा करता है या युद्ध करता है तो यूरोप की सीमा से लगे देशों को कोई परवाह नहीं होती है. लेकिन जब यूक्रेन के साथ ऐसा  हो रहा है तो पश्चिमी देशों को खतरा महसूस हो रहा है और हथियारों के साथ मदद करने के लिए दौड़ रहा है लेकिन जब अमेरिका ने सीरिया, इराक, लीबिया और फिलिस्तीन में ऐसा किया तो तब किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई, अमेरिका और नाटो ने 9 मुस्लिम देशों को नष्ट कर दिया और 11 मिलियन लोगों को मार डाला, किसी भी दोस्त ने उन्हें आतंकवादी नहीं कहा अगर आपने 11 मिलियन लोगों को मार डाला और आप आतंकवादी नहीं हैं तो मैंने आपसे पूछा कि आतंकवादी कौन है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने इराक, सीरिया, सर्बिया, अफगानिस्तान को नष्ट करने और शांति के नाम पर सेना के माध्यम से लाखों लोगों को मारने के बाद, अब रूस को बताएं रहे है कि युद्ध शांति का विकल्प नहीं है।

अमेरिका ने किन-किन देशों पर हमले किए.
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आखिर क्यों ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #स्टॉप वॉर