अमरिया, 22 मई: अमरिया क्षेत्र में वन माफियाओं का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी जमीन पर लगे वर्षों पुराने शीशम के पेड़ों को बिना वन विभाग की परमिशन के बेरहमी से काटा जा रहा है। यह घटना पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा है और वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठाती है।
अवैध कटान का सिलसिला:
ग्राम पंचायत उडरा से लेकर बिरहनी क्षेत्र तक उडरा नदी के किनारे डेढ़ दर्जन से अधिक शीशम और एक दर्जन सेमल के पेड़ों को अंधाधुंध तरीके से काटा गया है।
पेड़ों की कटाई इतनी तेजी से हो रही है कि कुछ ही महीनों में कोई पेड़ नहीं बचेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ों की कटाई के बाद भी वन विभाग मौन है।
वन माफिया कटे हुए पेड़ों को ले गए हैं, सिर्फ टहनियां और ठूंठ बचे हुए हैं।
पर्यावरण को क्षति:
पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
उडरा और बिरहनी क्षेत्र में हवा और पानी की गुणवत्ता बिगड़ सकती है।
जीव-जंतुओं के लिए भी यह एक बड़ा खतरा है।
वन विभाग की लापरवाही:
वन विभाग की निष्क्रियता इस घटना में सबसे ज़्यादा चिंताजनक है।
वन विभाग के अधिकारी कई सालों से एक ही जगह तैनात हैं।
लकड़ी तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ गुस्सा है।
क्या होगा आगे?
ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
क्या वन विभाग लकड़ी तस्करों पर लगाम लगा पाएगा?
क्या पेड़ों की अवैध कटाई को रोका जा सकेगा?
क्या वन विभाग इस गंभीर मामले की जांच करेगा और दोषियों को कड़ी सजा देगा?
यह घटना पर्यावरण के प्रति हमारी लापरवाही और वन विभाग की गैरजिम्मेदारी को उजागर करती है। हमें पेड़ों को बचाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे और वन विभाग से जवाबदेही मांगनी होगी।
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मोहम्मद आरिफ
जिला पीलीभीत