नई दिल्ली: सोमवार को आगरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने सिविल जज कोर्ट में वाद दायर कर जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे कथित रूप से दबी भगवान केशवदेव की मूर्तियों को निकालने का आदेश देने की मांग की है। दरअसल, ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे के मुताबिक, मुस्लिम नमाज के लिए मस्जिद में घुसते समय हर दिन हमारे भगवान की मूर्तियों को अपने पैरों तले रौंदते हैं, यह हिंदू समाज का अपमान है। मुसलमानों ने ठाकुर देवकीनंदन द्वारा की गई सीढ़ियां खोदने की अपील को नजरअंदाज कर दिया, ऐसे में कोर्ट जाना ही एकमात्र विकल्प है। कोर्ट ने वाद को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 31 मई तक अपना जवाब दाखिल करने के कहा है।
मनोज पांडे के मुताबिक, मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान कृष्ण की मूर्तियों के दबे होने के हैं प्रमाण
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मनोज पांडे ने दावा किया कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान कृष्ण की मूर्तियों के दबे होने के पर्याप्त प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास औरंगजेब के शासनकाल के दौरान लिखी गई एक किताब की सामग्री है, जिसे वह अदालत में पेश करना चाहते हैं। पांडे के मुताबिक, ऐसी कई ऐतिहासिक रिपोर्टें हैं, जो साबित करती हैं कि औरंगजेब ने 1670 में केशवदेव मंदिर को तोड़ दिया और आगरा में जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे केशवदेव की मूर्ति को दफन कर दिया था। कई इतिहासकारों ने इसके बारे में अपने लेखों में लिखा भी है। इन मूर्तियों को बचाया जाना चाहिए ताकि मथुरा में उनकी पूजा की जा सके।
मनोज कुमार पांडे ने 11 मई को दाखिल किया था वाद

बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे ने 11 मई को यह वाद दाखिल किया। सिविल कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद आगरा किला, छोटी मस्जिद दीवान ए खास, जहांआरा बेगम मस्जिद आगरा किला के सचिव, यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को नोटिस जारी किया है।