नियुक्ति उत्तराखंड के राज्यपाल बनाए गए गुरमीत सिंह

10 Sep, 2021
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लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को बृहस्पतिवार को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. यह पद बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे देने के बाद खाली हुआ था. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना के उप प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मौर्य का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और सिंह को राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया. इस नई नियुक्ति के अलावा, राष्ट्रपति ने कुछ राज्यों के राज्यपालों के फेरबदल का भी आदेश दिया, जिसमें बनवारीलाल पुरोहित को तमिलनाडु से पंजाब स्थानांतरित किया जाना शामिल है. 

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे
कई पदकों से सम्मानित अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह लगभग चार दशकों की सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया.

वह सैन्य संचालनों के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में चीन से जुड़े परिचालन और सैन्य रणनीतिक मुद्दों को भी संभाल रहे थे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना में रहने के दौरान, एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों, वार्षिक संवादों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा रहे।

उत्तराखंड में हर परिवार से एक सदस्य सेना में है या सैन्य परिवार से उसके संबंध हैं। तकरीबन ढाई लाख पूर्व सैनिक और वीर नारियां राज्य में निवास करते हैं। सैन्य परिवारों से ताल्लुक रखने वाले मतदाताओं की तादाद कुल मतदाताओं का तकरीबन 12 फीसद मानी जाती है। इसी वजह से हर राजनीतिक दल इन्हें लुभाने में कसर नहीं छोड़ता। सेना के प्रति राज्यवासियों में लगाव की बड़ी वजह राज्य की सीमाएं दो देशों चीन और नेपाल से सटी होना भी है। 

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को दिया था इस्तीफा 
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई थी कि उत्तराखंड का अगला राज्यपाल कौन होगा।

गौरतलब है कि मौर्य का यूपी के आगरा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रहा है। वह आगरा की महापौर रह चुकी हैं। 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। ऐसे में कयास हैं कि उन्हें विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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