राघोपुर छेत्र में गंगा नदी में पानी बढ़ने के कारण महावंत अपने हाथी के साथ फंस गया. जिसके बाद मुश्किल हालातों में भी हाथी ने एक किमी तैर कर महावत को नदी की दूसरी ओर पहुंचाया. गंगा नदी की तेज़ धारें भी हाथी की हिम्मत नहीं तोड़ पायीं.
नयी दिल्ली: हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे एक हाथी गंगा की तेज़ धारों में भी तैर महावंत को नदी पार करवा रहा है. दरअसल बिहार के राघोपुर में मंगलवार को अचानक गंगा में पानी बढ़ने से एक हाथी और महावंत फंस गये. महावंत ने पानी में ही हाथी के साथ पर करने का फैसला किया. पानी के तेज़ रफ़्तार में हाथी कई बार डूब गया लेकिन इन सबके बावजूद हाथी ने महावंत को गंगा के दुसरे किनारे तक पहुंचाया.
तेज़ धारा में भी पार करायी गंगा
गंगा नदी की तेज़ लहरों में भी हाथी ने बिना पीछे हटे नदी पार की. नदी में नाव पर बैठकर पार कररहे लोग भी नज़ारा देखकर घबरा गए. महावंत हाथी के कान पड़कर बैठ गया. वीडियो में साफ साफ नज़र आ रहा है की हाथी कई बार पानी में डूब चूका है. तेज़ धार में थोड़ी सी भी चुक होने से हाथी और महावंत दोनों की जान जा सकती थी. महावंत हाथी की गर्दन और कान पकड़कर बैठा रहा. महावंत उफनती गंगा के बीच हाथी पर बैठकर दुसरे किनारे तक पहुंचा.
सही सलामत पार की नदी
बताया जा रहा है कि हाथी तैरते हुए लगभग 2 किमी तक आया. नाव से जा रहे लोगों ने हाथी और महावंत के नदी पार करते हुए वीडियो मोबाइल में कैद कर लिया जो कि सोशल मडिया पर वायरल हो रहा है. नदी में पानी की तेज़ धार में भी महावंत ने हाथी को लेकर नदी पार करने की ठान ली. हाथी ने महावंत का साथ नहीं छोड़ा और दोनों ने सही सलामत गंगा नदी पार की और इसक बाद महावंत राघोपुर से पटना के लिए निकल गया.
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जलस्तर बढने के कारण हटाया गया पुल
गंगा नदी की तेज धारा और महावत के साथ हाथी के नदी पार करने का अद्भुत दृश्य देख सब हैरान हैं. खासकर तब जब गंडक नदी में बाल्मीकि बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से गंगा नदी में भी धारा तेज उफान पर है. बता दें कि हाजीपुर कोनहारा घाट के पास गंडक और गंगा किस संगम स्थल है, यहां मिलकर गंडक नदी का पानी गंगा में समाहित हो जाता है जिसके बाद पानी गंगा नदी में इतना बढ़ जाता है कि पटना से राघोपुर को जोड़ने वाला पीपा पुल भी हटा दिया जाता है इन हालातों में लोग जान जोखिम में डाल कर नाव से नदी पार करने पर मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में ही महावंत के साथ हाथी रुस्तमपुर घाट से जेठूई घाट पटना की ओर जाने के लिए गंगा नदी में घुसा औ स नदी पार की.