मंगलवार को यूपी के छठे चरण का चुनाव प्रचार थम सा गया है, अब यानी 3 मार्च को पूर्वांचल के 10 जिलों की 57 सीटों पर वोट डाले जायेंगे ।
नई दिल्ली: इस चुनाव में 676 उम्मीदवार खड़े हैं जहाँ पर अम्बेडकर नगर से लेकर गोरखपुर की सीटों पर सियासी संग्राम होगा इस फेज में 57 सीटों पर बलिया, गोरखपुर, बलरामपुर, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महाराजगंज, बस्ती और अंबेडकरनगर में वोट डाले जायेंगे.
इस बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं वह छठे चरण की गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं इसी के साथ पिछली सरकार में रहे कैबिनेट मिनिस्टर के आधे से ज्यादा दर्जन इसी चरण में चुनाव लड़ रहे हैं.
अगर हम इन्हीं 57 सीटों पर 2017 की बात करें तो बीजेपी का पलड़ा भारी रहा था 57 सीटों में से 42 पर बीजेपी को जीत मिली थी वहीं दूसरी ओर सपा को 2, बसपा को 5, कांग्रेस को 1, बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल को 1, सुभासपा 1 और निर्दालीय को 1 सीट मिली थी
इस चरण में लगभग 2,14,62,816 मतदाता है और 11 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है इस बार दिग्गज नेताओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो है ही साथ ही राज्य सरकार में मंत्री सतीश द्विवेदी, सूर्य प्रताप शाही, उपेंद्र तिवारी, श्रीराम चौहान व राम स्वरूप शुक्ला मुख्य हैं। इनके अलावा नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, बसपा छोड़ सपा में आए लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा, राज किशोर सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्य, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कई अन्य दिग्गजों की अग्निपरीक्षा भी है।
इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है जो गोरखपुर सदर सीट से खड़े हैं इस बार उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है उनको इस बार अपने घर में ही काफी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है
क्योंकि आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद जिन्हें रावन के नाम से भी जाना जाता है वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने मैदान में है
वही समाजवादी पार्टी की सुभावती शुक्ला उम्मीदवार हैं और बीएसपी ने ख्वाजा शमसुद्दीन को मैदान में उतारा है, साथ ही सपा प्रमुख अखलेश यादव ने भी पूरी जान झोंक दी है इस चरण के चुनाव में काफी तीखें आरोप-प्रत्यारोप हुए इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार में उतरे जहाँ उन्होंने सपा-बसपा पर कड़ा प्रहार किया ।
अम्बेडकर नगर बसपा का गढ़ रहा है जहाँ से बसपा को काफी वोट मिले थे और उसका भाजपा, सपा से कड़ा मुकाबला रहा है अब पिछले बार के चुनाव पर नजर डाले तो भाजपा को काफी बढ़त मिली थी अब देखना है की 3 मार्च को जब वोट डाले जायेंगे तो वह किस मुद्दे और पार्टी को ओर मुड़ेंगे.
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इस चरण में सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा दिया है बीजेपी के लिए यह महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि पिछली बार पूर्वांचल की 70 फीसदी सीटें बीजेपी ने जीती थी कयास लगाया जा रहा है कि किसान आन्दोलन के बाद पश्चिम यूपी में बीजेपी को भारी नुकसान हुआ है इसलिए यहाँ पर बीजेपी का अधिक जोर है वैसे बीजेपी के साथ सभी दलों ने अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है ।