ममता के मंत्री को ED ने किया अरेस्ट, शिक्षा भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी हिरासत में

23 Jul, 2022
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पार्थ चर्टजी गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में 26 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने किया गिरफ्तार कर लिया है. उनके करीबी बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी के घर रेड डालने पर 20 करोड़ रुपये बरामद किए गए जिसके बाद ED ने उन्हें भी हिरासत में लिया है.

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी का नाम शिक्षा भर्ती घोटाले में सामने आया है. पार्थ साल 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री रहे थे. जांच एजेंसी के अधिकारियों ने पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे 26 घंटे तक पूछताछ की और उसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया. इसी के साथ साथ उनकी करीबी बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी के घर रेड डालने पर काला धन ज़ब्त होने के बाद उन्हें भी हिरासत में लिया गया.

पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी

सरकारी लिफाफे में काला धन

ED ने ट्वीट कर कहा कि, ‘ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चला रही है.’  CBI के मुकदमा दर्ज करने पर ED ने कार्रवाई की और एक साथ 13 ठिकानों पर रेड डाली. इस घोटाले से संबंधित छापेमारी के दौरान ईडी ने करीब 20 करोड़ रुपये की बड़ी रकम बरामद की. इस दौरान जो तस्वीर सामने आई है, उसमें 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों का एक बड़ा पहाड़ देखने को मिल रहा है.

मंत्री की तबियत बेहाल

बता दें कि जैसे ही ED मंत्री पार्थ को गिरफ्तार करने आई तभी उन्होंने अपनी तबियत नासाज़ होने की बात आगे रखी. ED के उनके आवास पर पहुँचते ही उनकी तबियत खराब हो गई. इसके बाद डॉक्टरों को उनके चेकअप के लिए बुलाया गया और उसके बाद कोलकाता में CGO कॉम्पलेक्स में ले जाया गया. शनिवार की सुबह पार्थ चटर्जी ने सेहत खराब होने का हवाला दिया है. बताया जा रहा है कि मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तारी के बाद मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा है.

जानिए शिक्षा भर्ती घोटाले का सच

राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए स्कूल सेवा आयोग ने वर्ष 2016 में परीक्षा आयोजित की जिसके रिजल्ट 27 नवंबर 2017 को आए. उसमें बबीता सरकार का नाम टॉप 20 उम्मीदवारों में शामिल था, लेकिन आयोग ने वह सूची रद्द करके नई सूची निकली जिसमे उससे 16 नंबर कम पाने के बावजूद मंत्री की पुत्री अंकिता का नाम टॉप पर आ गया. बता दें कि अदालत ने पहले इस घोटाले की जांच के लिए एक समिति का गठित की जिसने घोटाले में शामिल तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी.

CBI के जिम्मे सौपी जाँच

सूत्रों के मुताबिक कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशों पर CBI पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले की जांच कर रही है. ED इस घोटाले में मनी लान्ड्रिंग की जांच में जुटी है. ममता सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी उस समय राज्य के शिक्षा मंत्री थे, उन्ही के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ था.

बीजेपी का TMC पर ज़ोर

भाजपा ने TMC पर निशाना साधते हुए कहा की TMC ने सत्ता में आने के बाद से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर हुए घोटालों को बढ़ावा दिया है.

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