नॉएडा : जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देश क्रम में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने सर्व साधारण का आह्वान करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकंप आपदा से बचाव एवं सुरक्षा विषय पर निर्गत दिशा निर्देशों के क्रम में जानकारी देते हुए बताया कि जयपुर में 21 जुलाई 2023 को प्रातः 4: 09 बजे 4.4 रिक्टर स्केल तीव्रता भुकम्प के झटके रिकार्ड किये गये है, जिसे उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा में भी अनुभव किया गया है।
इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि देश भूकम्प संवेदनशीलता के अनुसार उ०प्र० सिस्मिक जोन-lV, III एवं II के अन्तर्गत आता है तथा जनपद गौतमबुद्धनगर जोन-IV के अन्तर्गत आता है, जो भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील है, जिसको दृष्टिगत रखते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर द्वारा एडवाइजरी जारी कर लोगो को जागरुक किया जाता है। जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि धरती के अन्दर 7 प्लेटस होती है जो लगातार घूमती रहती है। यह प्लेटस जिन जगहों पर ज्यादा टकराती है, उसे फाल्ट लाईन जोन कहा जाता है, बार-बार टकराने से प्लेटस के कोने मुड जाते हैं जब प्रेसर ज्यादा बन जाता है तो प्लेटस टूट जाते हैं। इनके टूटने के कारण अन्दर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंडती है, इसी वजाह से भूकम्प आता है।
कितने रिक्टर स्केल वाला भूकंप खतरनाक
वैसे भूकंप की अधिकत तीव्रता तय नहीं हो पाई है, लेकिन रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है। इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं, 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को नुकसान पहुंचा सकता है।
भूकंप के दौरान क्या करें
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहे। इस बात के प्रति सतर्क रहे कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करे, जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सके और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहे जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाए कि बाहर निकलना सुरक्षित है।
यदि आप घर के अंदर हो
आप यदि घर के अंदर हो तो जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मैज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण ले अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहे जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढ़क ले और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं। किसी आंतरिक दरवाजे के लिन्टल (लेंटर), किसी कमरे के कोने में, किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाए। शीशे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहे अथवा ऐसी कोई चीज, जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर) से दूर रहे। भूकंप के शुरू होने पर यदि आप उस समय पलंग पर हो, तो पलंग पर ही रहे। अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं, जब तक कि आप किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं। यदि ऐसी स्थिति हो तो पास के किसी सुरक्षित स्थान की और खिसक जाए। शरण लेने के लिए तभी ऐसे किसी दरवाजे से निकलकर बाहर जाए, जब वह आपके निकट हो और आप जानते हो कि ये किसी सषक्त सहारे (सपोर्ट) वाला है या यह सषक्त और वजन को झेल सकने वाला दरवाजा है। जब तक भूकंप के झटके न रुके तथा बाहर जाना सुरक्षित न हो तब तक अंदर रुके रहे। अनुसंधान से यह पता चला है कि ज्यादातर चोंटे तब लगती है, जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं। ध्यान रखे कि बिजली कभी भी जा सकती है अथवा स्प्रिंकलर सिस्टम अथवा चेतावनी वाले फायर अलार्म कभी भी चालू हो/बज सकते हैं।
यदि आप घर के बाहर हो
तो जहां हो वहां से आप न हिले । तथापि डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। यदि आप किसी खुली जगह पर हो तो वहां तब तक रुके रहे, जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती है।
यदि किसी चलते वाहन में हो
जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोके तथा गाड़ी में रुके रहे। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली / टेलीफोन आदि की तारों के पास अथवा नीचे रुकने से बचे। सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़े अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।