नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री विवादों के बीच घिर चुके है। वह एक कथा वाचक हैं। वह दावा करते हैं कि वे मन की बात जान लेते हैं। बता दें, धीरेंद्र शास्त्री का विवाद नागपुर से शुरु हुआ है। वहां वह कथा में गए हुए थे। यह कथा 13 तारीख तक चलने वाली थी लेकिन धीरेंद्र शास्त्री 11 जनवरी को ही वापस आ गए और यही से धीरेंद्र शास्त्री विवादों के घेरों में घिर गए।
यह है पूरा विवाद
दरअसल, महाराष्ट्र की एक संस्था ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी कि वे नागपुर में उसके मंच पर आकर अपने चमत्कारों को दिखाएं। यदि शास्त्री अपने चमत्कार को मेरे सामने सही दिखाते हैं तो उनको 30 लाख का इनाम दिया जाएगा।अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मुकदमा झेलने को तैयार रहें। धीरेंद्र शास्त्री इस चुनौती पर वहां नहीं पहुंचे और वापस लौट आए। इस पर कहा जाने लगा कि धीरेंद्र शास्त्री डर के मारे भाग आए। इसी के साथ नागपुर की अंध श्रद्धा मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह लोगों को केवल मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं। इसलिए उनके खिलाफ ड्रग एंड मैजिक रेमेडी कानून के अंतर्गत मामला दर्ज करेंगे।
हमने आगामी सभी कथाओं के समय को दो-दो दिन कम किया है – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से उन्हें मिली चुनौती पर जवाब दिया है। शास्त्री बोले, हमें किसी भी प्रकार के प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। हमें बागेश्वर बालाजी पहले ही प्रमाण दे चुके हैं। हम कई साल से बोल रहे हैं कि न हम कोई चमत्कारी हैं, न हम कोई गुरु हैं, न ही हम कोई ईश्वर हैं। हम तो अपने बागेश्वर बालाजी जी के सेवक हैं, जैसी प्रेरणा लगती है हम वैसा करते हैं। हमने आगामी सभी कथाओं के समय को दो-दो दिन कम किया है। दरबार यथावत रहेगा, क्योंकि वह बालाजी की प्रेरणा से लगता है।
भगवान राम से उनके होने के लिए सबूत मांगा गया – धीरेंद्र शास्त्री

इसी के साथ धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि , ‘आदिकाल से भगवान राम को लोगों ने नहीं छोड़ा। ये भारत देश वो देश है, जहां भगवान राम से उनके होने के लिए सबूत मांगा गया। अयोध्या के लिए सबूत मांगा गया। भगवान कृष्ण को नहीं छोड़ा, उनको तांत्रिक और चमत्कारी कहा जाता रहा, तो हमें भरोसा है कि हम तो आम इंसान हैं, हमें कब छोड़ेंगे।’
बाबा जी को राजनीतिक संरक्षण कुछ ज्यादा ही मिल रहा है – यूजर
विवादों में घिरे धीरेंद्र शास्त्री पर संजय त्रिपाठी नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ” बाबा ‘बाबा’ हैं।” विजय पाल सिंह नाम के एक टि्वटर यूज़र ने सवाल किया कि जिन गुरु के चेले मंत्री हैं, वह ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। विष्णु राजपूत नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि बाबा जी को राजनीतिक संरक्षण कुछ ज्यादा ही मिल रहा है। शैलेश शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा- भक्ति भाव आटे में नमक की तरह हो तो कोई बात नहीं लेकिन नमक में आटा करने पर यही होता है।
इनके खिलाफ तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए- यूजर

मोनू नाम के एक यूजर ने लिखा कि यह एक संत की भाषा तो बिल्कुल नहीं हो सकती है। मनीष परमार नाम के एक यूजर ने कमेंट किया, “अरे बाबा जी, 2 दिन और बैठकर अपनी सिद्धि साबित कर देते तो क्या हो जाता?” आफताब आलम नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि ऐसे बाबा लोग सही संतो के बारे में भी लोगों की गलत राय बनवा रहे हैं, इनके खिलाफ तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन जब मंत्री और विधायक ही इनकी पूजा करने पहुंच रहे हैं तो क्या ही हो पाएगा?
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