नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग में कार्गो हैंडलिंग में खड़ी हुई बाधाओं के बावजूद, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट ने 10 जनवरी 2022 को 100 एमएमटी के अहम पड़ाव को पार कर लिया है और ऐसा करने वाला पहला सरकारी क्षेत्र का प्रमुख बंदरगाह बन गया है। इस क्षेत्र के बड़े बंदरगाह ने यह उपलब्धि वित्त वर्ष 2021-22 में हासिल की है। संयोग की बात है कि मौजूदा वित्त वर्ष में डीपीटी ने यह मील का पत्थर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 4 हफ्ते पहले ही हासिल कर लिया है। वित्त वर्ष 2020-21 में डीपीटी ने यह उपलब्धि 9 फरवरी 2021 को हासिल की थी।
इस दौरान पीओएल, खाद्य तेल, तरल उर्वरक के कच्चे माल जैसे फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया, रसायन, रॉक फॉस्फेट, स्टील पाइप, लौह अयस्क, कोयला, लकड़ी के लॉग और कच्चे तेल जैसे उत्पादों के कार्गो के आयात में बढ़ोतरी देखी गई। खाद्य तेल, रसायन, खाद्यान्न जैसे गेहूं और सोयाबीन मिल, बेंटोनाइट और वडिनार में पीओएल जैसे उत्पादों के कार्गो निर्यात में भी वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बढ़ोतरी हुई है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में डीपीटी की कार्गो बढ़ोतरी सभी सरकारी पोर्ट में सबसे अधिक थी। 2021 की तीसरी तिमाही, अक्टूबर-दिसंबर के दौरान बंदरगाह से 33.52 एमएमटी यातायात दर्ज किया गया है। केवल दिसंबर 2021 के दौरान, डीपीटी ने 11.32 एमएमटी कार्गो परिचालन किया था। जो सभी प्रमुख बंदरगाहों द्वारा संचालित कुल कार्गो का लगभग 18 फीसदी रहा है।
डीपीटी के चेयरमैन एस.के. मेहता और डिप्टी चेयरमैन नंदीश शुक्ला ने डीपीटी के इस अहम पड़ाव पर पहुंचने के लिए, ट्रस्टियों, अधिकारियों, श्रमिकों, ट्रेड यूनियनों, बंदरगाह का उपयोग करने वाले और दूसरे संबंधित पक्षों को उनके प्रयासों, पहलों और उनके लगातार समर्थन के लिए बधाई दी। चालू वित्त वर्ष के अंत तक बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग 127 एमएमटी पार करने की उम्मीद है।
12 Jan, 2022
Head office
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