उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का मुआयना करने के लिए लखीमपुर खीरी के शारदा नगर पहुँचे शारदा नगर बैराज का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया सर्वेक्षण के पश्चात् मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि,जुलाई माह के पहले सप्ताह में हुई भारी वर्षा से 133 गांव बाढ़ प्रभावित हुए जिसमे किसानों कि हजारों हेक्टेयर फ़सल एवम् भूमि प्रभावित हुई हैं।
प्रभावित क्षेत्र के जन प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन लगातार जिम्मेदारी के साथ अपना कार्य कर रहे हैं, इसी के चलते शारदा बैराज तथा अन्य प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालो को समय पूर्व सावधानियां बरत बाढ़ से होने वाले जान-माल की हानि को टाला जा सका। क्षेत्र के विधायकों एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा प्रशाशन के साथ मिलकर समय पर किये गये प्रयास से एक बड़ी आबादी को बाढ़ से बचाया जा सका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के साथ ही नेपाल और उत्तराखंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया, जिसके कारण जुलाई के पहले हफ्ते में ही बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहानि को रोकने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की खाद्य इकाईयों के साथ स्थानीय गोताखोर भी तैनात किए गए हैं और प्रत्येक ग्राम पंचायत में नाव की व्यवस्था कर यहां 38 बाढ़ चौकी स्थापित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 12 जिले बाढ़ प्रभावित हैं और इन सभी जिलों में बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है, पिछले कई दिनों से रुक—रुक कर हो रही वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, राप्ती, घाघरा और शारदा समेत अनेक नदियां उफान पर हैं।
राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में सात लोगों की मौत हो गयी है बाढ़ राहत आयुक्त कार्यालय से मंगलवार शाम की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की विभिन्न नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी कछलाब्रिज (बदायूं) में, राप्ती नदी बलरामपुर में, शारदा नदी पलियाकलां और शारदानगर (लखीमपुर खीरी) में, बूढ़ी राप्ती नदी ककरही (सिद्धार्थ नगर) में, क्वानो नदी चंद्रदीपघाट (गोंडा) में, घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
रिपोर्ट संजय कुमार राठौर