नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 17 सितंबर को इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर यशोभूमि (IICC) के पहले पार्ट का इनॉगरेशन किया। दिल्ली के द्वारका में बना यह एशिया का सबसे बड़ा MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सेंटर है।
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इससे पहले प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर-21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक बने एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (मेट्रो लाइन) के एक्सटेंशन का उद्घाटन किया। नया यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 अंडर ग्राउंड स्टेशन है, जो सीधे शहर की जरूरी जगहों जैसे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जुड़ा होगा।
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प्रधानमंत्री इसी मेट्रो में सवार होकर कन्वेंशन सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने पारंपरिक काम करने वाले कामगारों से मुलाकात की। यह कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम से भी बड़ा है, जहां 9 और 10 सितंबर को G20 की मीटिंग हुई थी।
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यशोभूमि 219 एकड़ में करीब 5400 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। वहीं, प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम 123 एकड़ में तैयार किया गया है।
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यशोभूमि है बेहद खास
कन्वेंशन सेंटर देश के सबसे बड़े एलईडी मीडिया प्लेटफॉर्म से सजा हुआ है और यहां बैठने की अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ कन्वेंशन सेंटर का प्लेनरी हॉल तो कमाल का है.
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यह मेहमानों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करेगा. यशोभूमि दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से सीधी जुड़ गयी है. 73 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, ग्रैंड बॉलरूम सहित 15 सम्मेलन कक्ष और 13 बैठक कक्ष भी शामिल हैं. इनकी कुल कैपिसिटी 11,000 मेहमानों की है. कन्वेंशन सेंटर का पूरा हॉल लगभग 6,000 मेहमानों को बिठा सकता है. ऑडिटोरियम कमाल का है और यह सबसे नयी और ऑटोमैटिक बैठने की प्रणालियों से लैस है.
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यह अलग-अलग बैठने या साथ बैठने की क्षमता वाला बेजोड़ ऑडिटोरियम है. इसमें लकड़ी के फर्श और अकॉस्टिक वॉल का इस्तेमाल किया गया है, जो मेहमानों को कमाल का अनुभव देगा. इसका बॉलरूम 2500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है और एक ओपन एयर स्पेस है, जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं.
इसकी कुल 13 बैठक कक्षों को 8 मंजिलों में बांटा गया है और वहां विभिन्न स्तरों की बैठकें आयोजित की जा सकती हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा प्रदर्शनी हॉल
‘यशोभूमि‘दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉलों में से है. यह 1.07 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बना है और इन हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, वैश्विक कार्यक्रमों और व्यावसायिक आयोजनों की मेजबानी के लिए हो सकता है. इसके फोयर यानी अग्रभाग में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लोक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग इत्यादि मौजूद रहेंगे. इसमें आनेजाने के सभी स्पेस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह सम्मेलन केंद्र पर आए आगंतुकों को खास अनुभव दे. यहां की दीवारों से लेकर फर्श तक सब कुछ अनूठा है.
यशोभूमि का पर्यावरण के प्रति संवेदनात्मक इस्तेमाल होगा और इसमें पारिस्थितिकी का खास ध्यान रखा गया है. इसमें 100 फीसदी गंदे पानी के फिर से प्रयोग, वर्षा जल के इकट्ठा करने के साथ ही अति आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम भी मौजूद है. इस्तेमाल किए गए पानी को उपचारित कर फिर से प्रयोग में लाया जाएगा और इसके पूरे कैंपस को सीआईआई ने प्लैटिनम प्रमाणपत्र दिया है.
‘यशोभूमि‘ आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च तकनीक सुरक्षा प्रावधानों से भी लैस है. यहां 3,000 से अधिक कारों के लिए भूमिगत कार पार्किंग सुविधा भी है और अच्छी बात यह है कि इसमें 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट भी हैं. नए मेट्रो स्टेशन ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25′ के उद्घाटन के साथ ‘यशोभूमि‘ दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से भी जुड़ जाएगी. दिल्ली मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो ट्रेनों की गति को भी 90 से बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटा करेगी जिससे ‘नई दिल्ली‘ से ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25′ तक की कुल यात्रा में लगभग 21 मिनट मात्र लगेंगे.