एसिड अटैक जैसा घृणित अपराध देश में सबसे ज्यादा 2021 में बंगाल में दर्ज हुआ। यहां कुल 30 मामले सामने आये और 30 महिलाएं एसिड अटैक की शिकार हुईं। देश में कुल 93 केस एसिड अटैक के सामने आये थे, जिनमें 98 महिलाएं पीड़ित हुईं थीं।
नई दिल्ली: दिल्ली के सफरदगंज में बुधवार सुबह साढ़े सात बचे के करीब दो युवक ने एक स्कूली छात्रा पर एसिड अटैक कर दिया है। एसिड लड़की के मुंह पर फेंका गया है। तेजाब फेंके जाने से लड़की का चेहरा बुरी तरह से झुलस गया है। एसिड लड़की की आंख में भी चला गया है। पीड़ित लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें, पीड़ित लड़की कक्षा 12 की छात्रा है। उसकी उम्र 17 साल है। एसिड से लड़की की पूरी आंख झुलस चुकी है। जानकारी के मुताबिक, बाइक पर आए दो युवकों ने छात्रा पर एसिड अटैक किया है। अटैक क्यों किया गया है? इसकी अभी तक कोई भी जानकारी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि छात्रा जब स्कूल जा रही थी। तभी आरोपी युवक बाइक पर आया और एसिड अटैक की घटना को अंजाम दिया।
घटना सीसीटीवी में हुई कैद
यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया है और इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि बाइक पर दो युवक आते हैं और सड़क किनारे खड़ी लड़की के मुंह पर तैजाब फेंककर मौके से फरार हो जाते हैं। इस घटना के बाद से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है।
देश में एसिड अटैक के मामले ?

बता दें देश में एसिड अटैक का यह पहला मामला तो है नहीं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते तीन सालों में महिलाओं पर तेजाब हमले के 386 मामले दर्ज हुए हैं। एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक, ‘साल 2018 में महिलाओं पर तेजाब हमले के 131, साल 2019 में 150 मामले और साल 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, साल 2018 में 28, 2019 में 16 और साल 2020 में 18 व्यक्तियों को दोषसिद्ध किया गया।
एसिड अटैक की सबसे अधिक घटना बंगाल में
एसिड अटैक जैसा घृणित अपराध देश में सबसे ज्यादा 2021 में बंगाल में दर्ज हुआ। यहां कुल 30 मामले सामने आये और 30 महिलाएं एसिड अटैक की शिकार हुईं। देश में कुल 93 केस एसिड अटैक के सामने आये थे, जिनमें 98 महिलाएं पीड़ित हुईं थीं। एसिड अटैक के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है, जहां 18 घटनाएं हुईं और 21 महिलाएं पीड़ित थीं। तीसरे स्थान पर असम है, जहां सात घटना हुई और 9 महिलाएं पीड़ित हुईं। चौथे स्थान पर गोवा और गुजरात हैं। जहां छह-छह घटनाएं हुईं और पीड़ित थी इतनी ही महिलाएं हुईं। बिहार में एसिड अटैक की एक घटना सामने आयी और पीड़ित महिला भी एक ही थी। जबकि झारखंड में वर्ष 2021 में एसिड अटैक का कोई मामला सामने नहीं आया था। अभी हाल ही में झारखंड के चतरा में एक लड़की और उसकी मां पर एसिड अटैक का मामला सामने आया है, लड़की को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है।
महिलाओं पर एसिड अटैक के चर्चित मामले
1. एसिड अटैक के मामले में, आरोपी को अपनी पत्नी के चरित्र के बारे में संदेह था और उसने, उसकी योनि (वजिना) में मर्क्यूरिक क्लोराइड डाला और रेनल फेलर के कारण उसकी मृत्यु हो गई। आरोपी को IPC की धारा 307 के तहत आरोपित किया गया और दोषी ठहराया गया।
2. ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति ने अपनी अलग हुई पत्नी पर एसिड फेंक दिया क्योंकि उसने उसके साथ रहने से इनकार कर दिया था। पत्नी को स्थायी रूप से विकृति और एक आंख की हानि का सामना करना पड़ा। आरोपी को सेक्शन 307 के तहत दोषी ठहराया गया और 7 साल की कैद हुई।
3.यह एसिड अटैक से जुड़े सबसे प्रसिद्ध मामलों में से एक है। नौकरी का ऑफर ठुकराने पर आरोपी ने हसीना नाम की लड़की पर एसिड फेंक दिया। इस गहरे जख्म ने उसकी शारीरिक बनावट को बदल दिया और उसके चेहरे का रंग बदल दिया और उसे अंधा बना दिया। आरोपी को आई.पी.सी. के सेक्शन 307 के तहत दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। ट्रायल कोर्ट ने, आरोपी को 2,00,000 रुपये के कंपनसेशन के अलावा 3,00,000 रुपये के जुर्माने का भुगतान पीड़िता को देने को कहा था।
2021 में देश में महिलाओं के खिलाफ चार लाख से अधिक घटनाएं
NCRB के अनुसार, देश में वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 428278 मामले दर्ज हुए। जबकि वर्ष 2020 में इसकी संख्या 371503 थी। वहीं वर्ष 2019 में यह 405326 थी। यह केस आईपीसी और स्पेशल लाॅ एक्ट के तहत दर्ज हुईं हैं। वर्ष 2020 में देश में लाॅकडाउन की स्थिति थी। यही वजह है कि अपराध के मामले भी कम दर्ज हुए थे लेकिन लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद जिस राज्य में महिलाओं के खिलाफ सर्वाधिक अपराध के मामले दर्ज हुए। उसमें नंबर एक पर उत्तर प्रदेश है, जहां 56083 मामले दर्ज हुए। वहीं दूसरे स्थान पर राजस्थान है, जहां 40738 केस दर्ज हुए।
एसिड अपराधियों के खिलाफ कानून

इसके तहत किसी व्यक्ति ने अगर जानबूझकर अन्य व्यक्ति पर तेजाब फेंका और स्थाई या आंशिक रूप में नुकसान पहुंचाया तो इसे गंभीर जुर्म माना जाएगा। अपराध गैरजमानती होगा। दोषी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद हो सकती है। यह भी प्रावधान है कि दोषी पर उचित जुर्माना होगा और यह रकम पीड़िता को दिया जाएगा।
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