अमित शाह ने PM मोदी के दो दशक’ विषय पर तीन-दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी का किया शुभारंभ

28 Oct, 2021
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नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज ‘’डिलीवरिंग डेमोक्रेसी: सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दशक’ विषय पर रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के तत्वाधान में तीन-दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को सबसे बेहतर भारत की जनता जानती है और उनके विचारों, काम और उनकी सिद्धियों के आधार पर जानती है।अमित शाह ने कहा कि एक छोटेसे शब्द, डिलीवरिंग डेमोक्रेसी में भारत की जनता की 75 साल तक जो आशाएं थीं, उन्हें समाहित कर लिया गया है। जब देश आज़ाद हुआ और हमारी संविधान सभा बनी और उसने बहुपक्षीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया और ये एक उचित फ़ैसला था। लेकिन 1960 के दशक के उत्तरार्ध में और वर्ष 2014 तक देश की जनता के मन में एक बहुत बड़ा सवाल आ गया था कि क्या ये बहुपक्षीय लोकतांत्रिक व्यवस्था सफल हो सकती है। वर्ष 2014 तक रामराज्य या कल्याणराज्य की परिकल्पना ध्वस्त हो चुकी थी। जनता के मन में एक आशंका आ गई थी कि कहीं हमारी लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था फ़ेल तो नहीं हो गई है, वो परिणाम नहीं दे रही है और आगे क्या और किस प्रकार से होगा। लेकिन भारत की जनता बहुत धैर्यवान है क्योंकि कई चीज़ों को सहन करते करते एक राष्ट्र के नाते आज हम यहां पहुंचे हैं। बड़े धैर्य से जनता ने फ़ैसला दिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत के साथ इस देश का शासन सौंपा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का आज का स्वरूप देखकर उसके आधार पर आंकलन नहीं करना चाहिए, बल्कि वो कितनी तपस्या, संघर्ष, त्याग और मेहनत करके यहां पहुंचा है, ये देखना चाहिए। वर्ष 2001 में हमारी पार्टी ने फ़ैसला किया कि नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री होंगे और उस वक्त जब राज्य सबसे बड़े संकट में था, विनाशकारी भूकंप के बाद खड़ा होने का प्रयास कर रहा था। मोदी जी जब मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने पूरी स्थिति को देखने, समझने और कई सारे बदलाव लाने का प्रयास किया। उस वक्त कोई नहीं मानता था कि वो एक सफल मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन उन्होंने सुधारों और पारदर्शिता पर काम किया। उनकी परिभाषा के अनुसार पद्धति को बदलने को सुधार नहीं कहते, बल्कि ज़मीनी परिस्थिति को बदलने को सुधार कहते हैं। मोदी जी ने जो सबसे बड़ा काम किया वो था सर्वस्पर्शी सर्वसमावेशी विकास की शुरूआत। विकास की परिधि ऐसी होनी चाहिए जो सर्वसमावेशक हो और विकास की पहुंच ऐसी होनी चाहिए जो सर्वस्पर्शी हो और विकास हर व्यक्ति तक पहुंचे, अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और सबको समाहित करे। इस प्रकार के विकास का मॉडल उन्होंने समाहित करने की शुरूआत की और विकास के लिए सबसे बड़ी ज़रूरत होती है शिक्षा की। अशिक्षितों के साथ कोई देश विकास नहीं कर सकता और अशिक्षित को पढ़ाने की ज़िम्मेदारी शासन की है, वो तो पीड़ित है। जो व्यक्ति संविधानप्रदत्त अपने अधिकारों और कर्तव्यों को नहीं जानता वो देश के विकास में पूर्ण रूप से सहभागिता नहीं कर सकता।

अमित शाह ने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब प्राथमिक स्कूली शिक्षा में एनरोलमैंट लगभग 67 प्रतिशत और ड्रॉपआउट दर लगभग 37 प्रतिशत थी। उनके प्रयासों से एनरोलमेंट तो शत-प्रतिशत हो गया लेकिन ड्रॉपआउट दर कम करने के लिए भी उन्होंने प्रयास किए और इस दर को 0 से 1 के बीच में लाने का काम किया। इसी प्रकार उनके प्रयासों के कारण ही देश में सबसे पहले 24 घंटे बिजली मिलनी गुजरात में शुरू हुई और बिजली मिलते ही कई समस्याओं का समाधान हो गया और गांवों में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कृषि को विकास के साथ जोड़ना चाहिए तभी विकास परिपूर्ण होता है और हमारे देश में सबसे बड़ा रोज़ग़ार का ज़रिया आज भी कृषि ही है और देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है।नरेन्द्र मोदी ने कृषि की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि महोत्सव शुरू किया और गुजरात के 19000 गांवों में सरकार ने स्वयं पहुंचकर किसानों को जो भी चाहिए था वो उपलब्ध कराया और परिणामस्वरूप गुजरात ने दस साल तक औसतन दस प्रतिशत कृषि विकास दर हासिल की।

गृह मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य नीति में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है जिससे सबसे निचले स्तर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँच जाए। उन्होंने कहा कि जलशक्ति के लिए भी काम हो रहा है और इसके लिए एक मंत्रालय बनाया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए अनेक क़दम उठाए गए हैं। GeM के माध्यम से सरकारी ख़रीद होने से यह प्रक्रिया लगभग पूर्णत: भ्रष्टाचार विहीन हो गई है और इसका दायरा भी बढ़ रहा है।अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने UPI के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बहुत बड़ा काम किया है और करोड़ों लोग इससे जुड़ गए हैं। प्रधानमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों के लिए मिशन कर्मयोगी शुरू किया है जिससे वे देश निर्माण में बेहतर योगदान कर सकें।

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