नई दिल्ली: 10 मई को कर्नाटक की 224 सीटों के लिए एक चरण में इलेक्शन होना है और इसका रिजल्ट 13 मई को आएगा। यहां पर मुख्य तौर पर मुकाबला सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन आप के आने से मुकाबला रोचक हो सकता है। जी हां, “मुकाबला रोचक हो सकता है, हम इसलिए बोल रहे हैं” क्योंकि भले ही आप गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब 13 फीसदी वोट और पांच सीटें जीतकर नेशनल पार्टी के स्टेटस के लिए वैध हो गई लेकिन अभी भी आम आदमी पार्टी को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय दर्जा नहीं मिला है। आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा न मिलने के मामले को लेकर अब आप कर्नाटक के संयोजक पृथ्वी रेड्डी कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचे और याचिका दाखिल की।
क्या कहा गया है याचिका में ?
याचिका में कहा गया है कि आप राष्ट्रीय पार्टी बनने को लेकर सभी शर्तें पूरी करती है, लेकिन इसके बावजूद दर्जा मिलने में देरी हो रही है। पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में हमें अगर नेशनल पार्टी का स्टेटस मिल जाता तो इससे काफी सहूलियत होगी। आप की इस समय पंजाब और दिल्ली में अपने दम पर सरकार है। पार्टी गुजरात, गोवा, उत्तराखंड सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है। ऐसे में पार्टी को अब कर्नाटक के चुनावी मैदान से भी काफी उम्मीद हैं।
कैसे मिलता है किसी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा ?

देश की किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा देने के लिए कुछ खास नियम-कानून है। ये नियम कानून भारत का निर्वाचन आयोग तय करता है।निर्वाचन आयोग के नियम-कानून में जो पार्टी उपयुक्त पाई जाती है, उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्ज दिया जाता है। भारत में फिलहाल तीन तरह की पार्टियां हैं। राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय दल। भारत में अभी 7 राष्ट्रीय पार्टियां हैं, जबकि राज्य स्तरीय दल 35 और क्षेत्रीय दलों की संख्या 329 है।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए तय हैं यह तीन शर्तें

किसी दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए कुछ शर्तें हैं। इसके तहत 3 शर्तें तय हैं। जिनमें कम से कम एक शर्त पूरा करने पर किसी पार्टी को राष्ट्रीय होने का दर्जा मिलता है। कोई पार्टी तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसद सीटें जीते, 4 लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसद वोट पाए या कोई पार्टी चार या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखे। इन तीन शर्तों में जो पार्टी एक शर्त भी पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है।
राष्ट्रीय पार्टी को मिलती है यह सुविधा

भारत का निर्वाचन आयोग जिन पार्टियों को स्वीकृति देता है, उस स्वीकृति के साथ कुछ सुविधाएं भी दी जाती हैं। इन सुविधाओं में सबसे खास है पार्टी को चुनाव चिन्ह देना। भारत में उन्हीं पार्टियों को चुनाव चिन्ह मिलता है, जिसे निर्वाचन आयोग स्वीकृति देता है। सुविधाओं में निर्वाचन सूची प्राप्त करना भी शामिल है। यानी कि निर्वाचन सूचियां उन्हीं दलों को मिलती हैं, जिन्हें निर्वाचन आयोग की तरफ से मान्यता मिला होता है।इसके अलावा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पार्टियों को अगर रेडियो या टीवी पर अपने बारे में प्रसारण कराना है तो इसकी अनुमति निर्वाचन आयोग ही देता है। यह सुविधा उन्हीं पार्टियों को मिलती है जो निर्वाचन आयोग की ओर से मान्य हों।
ये है नेशनल पार्टियां

देश की राष्ट्रीय पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) जैसी पार्टियां क्षेत्रीय दलों में आती हैं।
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