70 साल बाद देश में आए 8 चीते, 5 नर और 3 मादा समेत जल्द बसेगा भारत में चीतों का कुनबा

17 Sep, 2022
Deepa Rawat
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Pm Modi Cheetah

हिन्दुस्तान की सरजमीं पर अफ्रीकी चीते पहुंच चुके हैं, विशेष बोइंग विमान से नामीबिया की राजधानी विंडहॉक से इन चीतों को भारत लाया गया है. इस विमान को को बाहर और भीतर से विशेष तरह से तैयार किया गया है. 70 साल बाद एक बार फिर कुनो नेशनल पार्क में चीते की रफ्तार देखने को मिलेगी. लेकिन हैरानी की बात ये कि 1947 से भारत में दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता है ही नहीं.

नई दिल्ली: भारत में चीतों का इंतजार खत्म हो चुका है। करीब 11 घंटे का सफर करने के बाद चीते भारत पहुंच चुके हैं। पांच मादा और तीन नर चीतों को लेकर विमान ने नामीबिया की राजधानी होसिया से उड़ान भरी। मॉडिफाइड बोइंग 747 विमान से लाए गए इन चीतों में रेडियो कॉलर लगे हुए हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें से तीन चीतों को कूनो में बनाए गए विशेष बाड़ों में छोड़ देंगे। 

दो नर चीतों की उम्र साढ़े पांच साल है। दोनों भाई हैं। पांच मादा चीतों में एक दो साल, एक ढाई साल, एक तीन से चार साल तो दो पांच-पांच साल की हैं। 

Pm Modi @72

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीतों को पिंजरों से मुक्त करने के बाद एक वीडियो संदेश में कहा कि चीते हमारे मेहमान हैं। उन्हें देखने के लिए कुछ समय धैर्य रखना होगा।  

Pm Modi With Shivraj Singh

नामीबिया से भारत लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा। बाद में मोदी ने इनकी तस्वीरें भी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी साथ थे। 

प्रधानमंत्री मोदी भी कूनो नेशनल पार्क पहुंच गए हैं। सुबह 10.30 बजे वे मोदी कूनो पहुंचे। सुबह 10 बजे चिनूक हेलीकॉप्टर से चीतों को यहां लाया गया। प्रधानमंत्री अब से कुछ ही देर में तीन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए विशेष बाड़े में चीतों को छोड़ेंगे। 

कूनो पहुंचे चीते

Cheetah

ग्वालियर एयरबेस से विशेष चिनूक हेलीकॉप्टर से चीतों को कूनो पहुंचाया गया है। चीते कूनो पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ग्वालियर पहुंच चुके हैं। यहां 5 मिनट रुक कर PM सेना के हेलीकॉप्टर से कूनो अभयारण्य के लिए रवाना होंगे। PM मोदी का स्वागत करने के लिए सीएम शिवराज सिंह, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद हैं।

स्वास्थ्य परीक्षण के बाद चीताें काे चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनाे अभयारण्य के लिए रवाना कर दिया गया है। सभी चीते पूरी तरह फिट मिले हैं। ग्वालियर एयरबेस पर चीतों के साथ आए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लाेरी मारकर सहित पूरे दल से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुलाकात की। 

बता दें कि पांच मादा और तीन नर चीतों को लेकर विमान ने नामीबिया से उड़ान भरी थी। नामीबिया से भारत लाने के लिए विमान में विशेष माप वाले पिंजरे बनाए गए थे। करीब 11 घंटे की यात्रा करके ये चीते शनिवार सुबह ग्वालियर में उतरे। ग्वालियर से इन्हें विशेष चिनूक हेलीकॉप्टर से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाने की कवायद की जा रही है। 

आखिरी बार 1948 में देखा गया था चीता

भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। इसके बाद 1952 में भारत में चीता प्रजाति की भारत में समाप्ति मानी गई। कूनो नेशनल पार्क में चीते को बसाने के लिए 25 गांवों के ग्रामीणों और 5 तेंदुए को अपना ‘घर’ छोड़ना पड़ा है. इन 25 में से 24  गांव के ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाया जा चुका है। 
 
1970 में एशियन चीते लाने की हुई कोशिश

भारत सरकार ने 1970 में एशियन चीतों को ईरान से लाने का प्रयास किया गया था। इसके लिए ईरान की सरकार से बातचीत भी की गई, लेकिन यह पहल सफल नहीं हो सकी। केंद्र सरकार की वर्तमान योजना के अनुसार पांच साल में 50 चीते लाए जाएंगे।

Edited By – Deshhit News

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