लालू यादव के करीबी शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को बताया नफरत का ग्रंथ, माफी न मांगने पर एक हफ्ते के अंदर काट दो जीभ – अयोध्या के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य, दूंगा 10 करोड़ का ईनाम!

12 Jan, 2023
Deepa Rawat
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नई दिल्ली: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर बुधवार को पटना के नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को लेकर एक विवादित बयान दे दिया। जिसे लेकर अयोध्या के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य बेहद क्रोधित हो गए है। उन्होंने शिक्षामंत्री के पद से बर्खास्त करने की मांग की है और माफी मांगने को कहा है। साथ ही कहा कि अगर वह माफी नहीं मागेंगे तो जो भी उनकी जीभ काटगा। मैं उनको 10 करोड़ का इनाम दूंगा। आइए बताते है कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने क्या कहा?

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रामचरितमानस नफरत फैलाने वाली किताब -शिक्षा मंत्री

Bihar Education Minister On Ramcharitmanas

शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस, मनुस्मृति, और गोलवलकर की किताब समाज को बांटने वाला और नफरत फैलाने वाला किताब बताया। वहीं, उन्होंने ने रामचरितमानस के कई चौपाई का अर्थ बताते हुए रामचरितमानस को समाज बांटने वाला ग्रंथ बताया।

‘बंच ऑफ थॉट्सये सब समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैंशिक्षा मंत्री

रामचरितमानस - विकिपीडिया

प्रो. चंद्रशेखर छात्रों को रामचरितमानस के इस ‘अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए’ चौपाई को सुनाया. इसका अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि अधम का मतलब नीच होता है। उस वक्त नीच जाति को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार नहीं था। इस चौपाई का अर्थ है जिस प्रकार से सांप के दूध पीने से दूध विषैला हो जाता है उसी प्रकार शूद्रों (नीच जाति) को शिक्षा देने से वे और खतरनाक हो जाते हैं। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि इसको बाबा साहब अंबेडकर ने बताया था कि यह जो ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है। एक युग में मनुस्मृति दूसरे युग मे रामचरितमानस और तीसरे युग में गोलवलकर की किताब ‘बंच ऑफ थॉट्स‘ ये सब समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं। बता दें, बंच ऑफ़ थोट्स माधव सदाशिव गोलवालकर द्वारा लिखित पुस्तक है। एक के द्वारा लिखित पुस्तकों माधव सदाशिव गोलवलकर, उन्हें गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक (सर्वोच्च नेता) थे। यह पुस्तक 1966 में प्रकाशित किया गया था।

मनुस्मृति ग्रंथ में लोगों के खिलाफ दी गई थी गालियां – प्रो. चंद्रशेखर

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि नफरत हमें महान नहीं बनाएगा। जब भी महान बनाएगा तो मोहब्बत बनाएगा। मनुस्मृति ग्रंथ को जलाया गया, उसमें एक तबका के लोगों के खिलाफ गालियां दी गई थी। वहीं, इस दौरान उन्होंने रामचरितमानस के दूसरा चौपाई ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’ सुनाया। इस चौपाई का अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि इस चौपाई के अनुसार  ब्राह्मण चाहे कितना भी ज्ञान गुण से रहित हो, उसकी पूजा करनी ही चाहिए, और शूद्र चाहे कितना भी गुणी ज्ञानी हो वह सम्माननीय हो सकता है, लेकिन कभी पूजनीय नहीं हो सकता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर भले संविधान निर्माता बने हो लेकिन इस ग्रंथ के अनुसार वे पूजनीय नहीं हो सकते हैं। ऐसे ग्रंथ समाज में नफरत ही फैला सकता है।

तेली, कुम्हार, चाण्डाल, भील, कोल और कलवार यह सब नीच जाति के हैं – प्रो. चंद्रशेखर

प्रो. चंद्रशेखर ने वहां मौजूद छात्रों को रामचरितमानस के इस ‘जे बरनाधम तेलि कुम्हारा। स्वपच किरात कोल कलवार’ चौपाई को सुनाया। इसका भी अर्थ बताते हुए कहा उन्होंने कहा कि तेली, कुम्हार, चाण्डाल, भील, कोल और कलवार यह सब नीच जाति के हैं। अब जब हमारा ग्रंथ इस तरह की बातें बताता है जिससे बांटने का काम हो सकता है लेकिन प्रेम बनाने का काम नहीं हो सकता है।

दूसरी बार बिहार सरकार में मंत्री बने हैं – चंद्रशेखर सिंह

चंद्रशेखर सिंह महागठबंधन की सरकार में मधेपुरा से राजद के विधायक हैं। चंद्रशेखर सिंह ने दूसरी बार बिहार सरकार में मंत्री बने हैं। इससे पहले 2015 में महागठबंधन की सरकार में उन्हें आपदा प्रबंधन मंत्री बनाया गया था। चंद्रशेखर सिंह ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई है। चंद्रशेखर सिंह ने 2020 के चुनाव में पप्पू यादव और जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल को हरा दिया था। 2010 में पहली बार विधायक बनने वाले चंद्रशेखर सिंह की सरकार के अंदर पैठ मानी जाती है। तेजस्वी यादव के बेहद करीब बताये जाने वाले चंद्रशेखर पर लालू यादव भी विश्वास करते हैं। 61 वर्षीय चंद्रशेखर सिंह ने साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है। उनकी कुल संपति 2 करोड़ 28 लाख 44 हजार 711 है। उनके ऊपर बैंक का 50 लाख रुपये बकाया है और मंत्री पर तीन मुकदमे चल रहे हैं।

माफी न मांगने पर एक हफ्ते के अंदर काट दो जीभ – अयोध्या के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य

हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले जगद्गुरू परमहंस का संत समिति ने किया  बहिष्कार, जानिए क्यों? - sant samiti boycotted jagadguru paramhans who  demanded hindu rashtra know why upas ...

रामचरितमानस ग्रंथ पर बिहार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान की वजह से संतो द्वारा उन्हें उनके पद से बर्खास्त किए जाने की मांग की जा रही है। अयोध्या के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने इन्हें इनके पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि “बिहार के शिक्षा मंत्री ने जिस तरह से रामचरितमानस ग्रंथ को नफरत फैलाने वाली किताब बताया है, उससे पूरा देश आहत है। ये सभी सनातनियों का अपमान है। मैं इस बयान पर कानूनी कार्यवाही की मांग करता हूं। इन्हें पद से बर्खास्त किया जाए 1 सप्ताह के भीतर मंत्री को माफी मांगनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा करता हूं।”

रामचरितमानस पर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी – संत जगत गुरु परमहंस आचार्य

संत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने आगे कहा कि – “इस तरह की टिप्पणी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रामचरितमानस तोड़ने वाला नहीं जोड़ने वाला ग्रंथ है। यह मानवता की स्थापना करने वाला ग्रंथ है। यह भारतीय संस्कृति का स्वरुप है। यह हमारे देश का गौरव है। रामचरितमानस पर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

बीते दिनों जगदानंद सिंह ने रामजन्मभूमि को बताया था नफरत की जमीन

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बीते दिनों बिहार आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने राम मंदिर और राम जन्मभूमि को लेकर एक बड़ा विवादित बयान दिया था। आरजेडी नेता कहा था कि नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, हम ‘हे राम’ वाले हैं, ‘जय श्रीराम’ वाले नहीं। हमारे हृदय में राम बसे हुए हैं। न कि पत्थरों की चारदीवारी के अंदर अलीशान मंदिरों में। आरजेडी वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि भगवान श्री राम न तो अयोध्या में हैं और ना ही श्रीलंका में है। बल्कि, आज भी राम शबरी की कुटिया में निवास करते हैं।

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Edit By Deshhit News

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