हरिद्वार (देशहित न्यूज़ डेस्क) : विजयदशमी की मध्य रात्रि से गंग नहर बंदी से हरकी पैड़ी पर पानी का संकट हो गया। हरकी पैड़ी का जलस्तर गिरने से श्रद्धालु अब डुबकी नहीं लगा पा रहे हैं। शनिवार को हरकी पैड़ी पहुंचे श्रद्धालुओं को चुल्लू में पानी भरकर स्नान करना पड़ा। इससे श्रद्धालु निराश नजर आए।
हालांकि गंगासभा की नाराजगी के बाद शाम को यूपी सिंचाई विभाग ने थोड़ा बहुत पानी छोड़ा, लेकिन यह डुबकी लगाने लायक नहीं था।जानकारी के मुताबिक यूपी सिंचाई विभाग ने 15 अक्तूबर की मध्य रात्रि से गंग नहर का पानी बंद कर दिया। गंगा नहर बंद होने के कारण हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं को स्नान और कर्मकांड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
गंगनहर की सफाई और तटबंधों की मरम्मत के लिए यह हर वर्ष यह काम किया जाता है। आपको बतादे की हरकी पैड़ी तक पानी भगीरथ बिंदु से आता है। भीमगोड़ा बैराज पर गंगा का पानी रोके जाने पर भगीरथ बिंदु का जलस्तर बढ़ता है। गंग नहर बंदी के बाद बैराज से पानी सीधे गंगा में छोड़ा जा रहा है।
गंग नहर में पानी चलने पर हरकी पैड़ी पर जलस्तर करीब तीन से साढ़े तीन फीट रहता है। नहर बंद होते ही शनिवार सुबह से हरकी पैड़ी का जलस्तर एक फीट रह गया। कई जगहों पर पानी नहीं होेने के चलते रेत के टीले दिख रहे हैं।डुबकी लगाने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ा। देर शाम तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु हरकी पैड़ी पहुंचे। श्रद्धालुओं ने लोटे और चुल्लू में पानी भरकर स्नान किया।
वहीं गंगा में पैसे सहित विभिन्न सामान ढूंढने के लिए देर रात से ही लोग जुट गए थे। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिव कुमार कौशिक का कहना है कि साफ सफाई और मरम्मत के लिए गंगनहर को 20 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। मतलब की यह सिलसिला 20 दिन चार नवंबर तक चलेगा।