उत्तराखंड: हिमालय की गोद में विराजमान भगवान शिव के पंच केदारों में से एक, केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई 2024 को भक्तों के लिए खुलने वाले हैं। इस पावन अवसर से पूर्व, रविवार, 5 मई 2024 को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पंचमुखी डोली यात्रा का शुभारंभ हुआ। यह यात्रा भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें भगवान के दर्शन का अवसर प्रदान करती है।
पंचमुखी डोली यात्रा का महत्व:
- भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक:
- यह यात्रा भक्तों को भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है।
- यात्रा में शामिल होने वाले भक्त कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए भगवान के दर्शन प्राप्त करने के लिए तत्पर रहते हैं।
- आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव:
- केदारनाथ धाम एक पवित्र स्थान है, जहां भक्त आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं।
- यात्रा के दौरान भक्त प्रकृति के करीब आते हैं और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं।
- सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण:
- यह यात्रा उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- यात्रा के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को इस प्राचीन परंपरा से अवगत कराया जाता है।
पंचमुखी डोली यात्रा का मार्ग:
- ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ (5 मई 2024)
- विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी (7 मई 2024)
- फाटा (8 मई 2024)
- गौरीकुंड (9 मई 2024)
- केदारनाथ धाम (9 मई 2024 शाम)
महत्वपूर्ण तिथि:
- 10 मई 2024: सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।