महसी बहराइच : रोजगार की तलाश में घर छोड़ परदेश में कमाने के लिये गांव से पलायन करने वाले ग्रामीणों को रोकने के साथ ही उनको घर में ही रोजगार मुहैया कराने की मंशा से चलाई गई केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना” मनरेगा” ग्राम प्रधानों व पंचायत अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों की मानमानी ग्रामीणों के पलायन को बढ़ावा दे रही है। शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सर्वांगीण विकास हेतु करोड़ों का बजट जारी किया जाता है जिसे जिम्मेदार विकास कार्यों में न लगाकर उस धन से अपना विकास कर रहे हैं शासन की तमाम मजदूरों के प्रति कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद मजदूर तबके के लोग अन्य राज्यों में जाकर रोजी-रोटी का जुगाड करने को मजबूर हैं, जबकि शासन की स्पष्ट नीति रही है कि मजदूर अपने निवास के आसपास मनरेगा के तहत कार्य कर अपने परिवार को पोषित करें, रोजगार आवेदन से रोजगार मिलने तक भत्ते का भी प्रावधान है पंरतु ग्रामीण राजनीति सरकार की मंशा पर हावी है जिम्मेदार अपने चहेतों के नाम जाॅब कार्ड बना कर मनमाना खेल कर शासन से ग्राम विकास के लिए प्राप्त धन का जमकर बंदरबांट कर रहे हैं भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी है कि उसे ढ़ूढ पाना असम्भव सा है विकास खंड कार्यालय से विकास कार्यों में धांधली में अपने हिस्से का धन प्रतिशत तय होने के बाद गांव के मुखिया सहित विकास अधिकारी मानमाने तरीके से औचित्य विहीन कार्य करा कर किसी अन्य कार्य का फोटो जियो टैग करते हुए धन आहरित कर अपना बैंक बैलेंस बढ़ा रहे हैं, जिससे मनरेगा का उद्देश्य तथा ग्राम विकास, धरातल से दोनों गायब हैं ग्रामों के प्रधान/सेक्रेटरी ग्राम विकास कार्य मजदूरों से न लेकर मशीनों से करा रहे हैं और भुगतान मानव कार्य दिखाकर कर रहे हैं.
ऐसा ही मामला विकास खंड महसी के ग्राम पंचायत चकैय्या से सामने आया है जहां मनरेगा के तहत बन रही सड़क पर मिट्टी पटाई मजदूरों से न कराकर मडरोलर, ट्रैक्टर से कारवाई जा रही है जो वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है परंतु नियम विरुद्ध कार्य को जिम्मेदार देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं, आखिर कब बदलेगी यह भ्रष्ट व्यवस्था,कब होगी इन भ्रष्टाचारी जिम्मेदारों पर कार्रवाई, प्रशासन धरातल पर विकास कार्यों में अनियमितताओं पर अंकुश लगाने में असमर्थ क्यों है सवालों के फेहरिस्त लंबी है, और जिम्मेदार मौन हैं। गौरतलब है विकास खंड महसी क्षेत्र में 74 राजस्व ग्राम आते हैं जिनमें ज्यादातर ग्राम पंचायत बाढ़ क्षेत्र के तहत आती हैं चूंकि बाढ़ विभीषिका से हर वर्ष महसी त्रस्त रहता है और बरसात सीजन आने में कुछ ही महीने बचें हैं ऐसे में नाममात्र का कार्य करा कर पूरे कार्य का भुगतान लेकर कार्य बाढ़ में बह गया की रिपोर्ट लगा कर “आपदा में अवसर” का खेल महसी विकास खंड क्षेत्र में वर्षों से जारी है और संभावित बरसात से पूर्व उसी का फायदा उठाने में जिम्मेदार जुटें हैं।
रिपोर्ट -हिमांशु मिश्रा