यूपी की 36 विधान परिषद सीटों में से नौ तो बीजेपी ने बिना चुनाव लड़े ही अपने पाले में कर ली हैं और कयास लगाये जा रहे है कि बाकी की 27 में से ज्यादातर सीटों पर उसकी जीत तय मानी जा रही है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय की सभी 27 विधान परिषद की सीटों के चुनावी नतीजे आज यानी मंगलवार को सामने आने वाले हैं. आज सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो गई है. इन 27 एमएलसी सीटों पर 95 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है. आपको बता दें कि स्थानीय निकाय क्षेत्र की 36 एमएलसी सीटों से 9 सदस्य पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं. जिन 27 सीटों पर चुनाव हुए हैं, उनमें से अधिकांश पर बीजेपी और सपा में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है.

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बीजेपी और सपा ने उतारे अपने उम्मीदवार
विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हुए गौरतलब है कि बीजेपी अब विधान परिषद में भी इतिहास रचेगी. पार्टी विधानसभा के बाद अब विधान परिषद में भी सबसे बड़े दल के रूप में सामने आ सकती है. एक ओर बीजेपी ने सभी 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने 25 सीटों पर अपना दांव खेला है. जबकि गाजीपुर सीट पर सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया है और साथ ही एक सीट पर सपा की सहयोगी आरएलडी चुनाव लड़ रही है. वहीं, कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की जनसत्ता पार्टी से प्रतापगढ़ सीट पर अक्षय प्रताप सिंह, वाराणसी सीट पर माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह हैं तो आजमगढ़ सीट से बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दांव चला है.

इसबार बीजेपी एमएलसी में भी आएगी फुल बहुमत से
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी गठबंधन 273 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत दोबारा सत्ता में लौटी, बीजेपी पहली बार विधान परिषद में भी बहुमत के आंकड़े को हासिल करने जा रही है. बीजेपी 2017 में भी विधानसभा में भी पूरे बहुमत से सत्ता में लौटी थी, लेकिन पांच साल सत्ता में रहने के बावजूद भी वह विधान परिषद में बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी. इतना ही नहीं इससे पहले भी बीजेपी सूबे की सत्ता में रही, पर उच्च सदन में बहुमत के आंकड़े को कभी हासिल नहीं कर सकी थी. इस तरह से इतिहास में पहली बार होगा जब बीजेपी विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद में भी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी.

अलग ढंग से होती है वोट की काउंटिंग
यूपी की 36 विधान परिषद सीटों में से नौ तो बीजेपी ने बिना चुनाव लड़े ही अपने पाले में कर ली हैं और कयास लगाये जा रहे है कि बाकी की 27 में से भी ज्यादातर पर उसकी जीत तय मानी जा रही है. यदि 36 एमएलसी सीटों में से बीजेपी को 34 सीट पर जीत मिलती है, तो 100 सदस्य वाले विधान परिषद में उसके पास 71 सदस्य हो जाएंगे. आपको बता दें कि एमएलसी चुनाव में वोटिंग की तरह मतगणना भी अलग ढंग से होती है. मतदाता अन्य चुनावों में किसी एक प्रत्याशी को वोट देता है, लेकिन विधान परिषद चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वरीयता क्रम में वोट देना होता है.