नई दिल्ली : कोविड-19 मामलों की संख्या में हाल में हो रही वृद्धि विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में ओमिक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए, केंद्रीय गृह सचिव ने दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों के सीमावर्ती 9 जिलों में कोविड-19 स्थिति और तैयारियों की समीक्षा करने के लिए कल एक बैठक की अध्यक्षता की।
एनसीआर क्षेत्र के शहरी बुनियादी ढांचे को ध्यान में रखते हुए, गृह सचिव ने बल दिया कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के सभी संबंधित अधिकारियों को वायरस से निपटने के लिए मिलकर काम करना आवश्यक है। उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक एकीकृत रणनीति बनाने की आवश्यकता को भी दोहराया।
इस बैठक के दौरान, उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट बेहद संक्रामक है, इसलिए कोविड के निरंतर बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए और निगरानी एवं नियंत्रण तंत्र को और मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राज्य और स्थानीय प्रशासन को कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के मानदंडों को सख्ती से लागू करना चाहिए जिसमें लोगों का फेस मास्क पहनना और सभी सार्वजनिक क्षेत्रों एवं सार्वजनिक समारोहों में सुरक्षित सामाजिक दूरी बनाए ऱखना अत्यंत जरूरी है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी तत्काल आवश्यकता से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर के सभी जिलों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को तुरंत मजबूत किया जाना चाहिए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऑक्सीजन आपूर्ति उपकरण पूरी तरह कार्य कर रहे हैं और आवश्यक दवाओं का बफर स्टॉक बनाए रखा गया है।
केंद्रीय गृह सचिव ने दिल्ली-एनसीआर के उन सभी जिलों में जाँच में तेजी लाने पर जोर दिया, जहां जाँच की स्थिति कम प्रतीत होती है। वायरस के प्रसार को रोकने और इस पर पूरी तरह से नियंत्रण के लिए सभी उपायों और तंत्रों को फिर से मजबूत किया जाना चाहिए।
बैठक में डॉ. वीके पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग और केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्यों के मुख्य सचिवों/एसीएस के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिला प्रशासन और दिल्ली एवं आसपास के जिलों के अधिकारियों ने भाग लिया।